• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

ठंड में गजक गली से गुज़रते हुए, जानिए इसकी कहानी

कनुप्रिया गुप्ता by कनुप्रिया गुप्ता
December 13, 2021
in ज़रूर पढ़ें, ज़ायका, फ़ूड प्लस
A A
ठंड में गजक गली से गुज़रते हुए, जानिए इसकी कहानी
Share on FacebookShare on Twitter

आज बात सीन में ही करेंगे, क्योंकि ये नोस्टैल्जिया ऐसे समझाना बड़ा मुश्क़िल-सा है. सोचिए तो एक शहर है शाम का बाज़ार सजा हुआ है सड़क के दोनों तरफ़ ठेले लगे हैं, ठेलों के पीछे लोग खड़े हैं, सर पर टोपा लगाए, गले में मफ़लर बांधे, ऊन के हाथों से बने स्वेटर पहने लोग, जिनके डिज़ाइन्स उनकी घर की औरतों की कलात्मकता की कहानी कह रहे हैं. कुछ के इन स्वेटरों को देखकर आसपास से नकलती तेज़ नज़र की महिलाएं बड़ी गहराई से अंदाज़ा लगा रहीं हैं कि तीन सलाई सीधी ली होंगी, दो उल्टी फिर एक फंदा छोड़ दिया होगा. बस अबकी बार बबलू के पापा के लिए भी ऐसा ही स्वेटर बनाएंगे. ठेलों पर बीचोंबीच एक बड़ा गुलुप (बल्ब) जल रहा है और सामने एक बोर्ड टंगा हुआ है-गजक…मुरैना वाले.

ऊपर जिन भैया, अंकल, चाचाजी, ताउजी, दादाजी लोगों का ज़िक्र किया है न हमने, जो कनटोप पहने अपने बजाज या प्रिया के स्कूटर पर बैठकर बाज़ार तक आए थे, वो अपने हाथ में कपड़े का थैला बगल में दबाए धीमी चाल से पूरे बाज़ार का मुआयना कर रहे हैं. लाइन से खड़े इन गजक वालों से गजक का भाव पूछ रहे हैं, कहीं-कहीं से गजक का एक टुकड़ा चख भी रहे हैं और आख़िर में एक दुकानवाले से भाव-ताव फ़िक्स होता है और साहब तब गजक जाएगी घर.
और घर… साहेबान, क़द्रदान. घर जहां चुन्नू-मुन्नू, बबली और उनकी मम्मी, सब दरवाज़े पर नज़र टिकाए इंतज़ार कर रहे हैं कि कब पापा घर में घुसेंगे और रात टीवी के साथ, खाने के बाद या ज़िद करके थोड़ा पहले भी गजक पर हाथ साफ़ किया जाएगा. ठंड में यही तिल-गुड़ से बनी गजक जादू करेगी और शरीर को गर्मी पहुंचाएगी.

अब ये मत पूछिएगा कि गजक के साथ मुरैना का नाम क्यों लिया, क्योंकि आपने मुरैना की गजक न खाई तो क्या ही गजक खाई? वैसे यही बात आगरा वाले आगरा की गजक के लिए भी कहते हैं और ग्वालियर वाले ग्वालियर की गजक के लिए भी, पर सच ये है कि मुरैना का पानी ही ऐसा है, आप कह सकते हैं कि कड़क है, जो एक फ़ौजी धावक को डाकू पान सिंग तोमर बना देता है और गजक को बना देता है ग़ज़ब की कुरकुरी. चम्बल का असर उसकी बोली और और उसकी गजक दोनों पर दिखता है. पूरे देश में आपको मुरैना की गजक मिल जाएगी और न जाने कितने ही लोग अपना नकली माल मुरैना की गजक के नाम से बेच रहे हैं, पर आप तो समझदार हैं तो नक्कालों से सावधान…

कहां हुआ गजक का जन्म: देखिए बात ये है कि जन्म तो गजक का मुगल काल में ही हुआ है, पर इसे मुगलों के रसोइयों ने नहीं बना शुरू किया, बल्कि ऐसा कहा जाता है कि उस समय के हिन्दू राजा अपने सैनिकों को गुड़, चना और तिल खाने के लिए दिया करते थे, ताकि उनके शरीर में ज़िंक, कैल्शयम, आयरन और विटामिन बी की कमी न हो. बाद में इन्ही चीज़ों से गजक ने जन्म लिया. मुरैना में गजक लगभग 85 साल पुरानी है पर भारत में गजक उससे भी पुरानी है.
देश के अलग अलग हिस्सों में तिल और गुड़ का अलग-अलग रूपों में प्रयोग होता रहा है, जैसे- महाराष्ट्र को ही ले लीजिए, वहां एक कहावत है- तिल गुड घ्या, गोड गोड बोला, यानी तिल और गुड़ खाओ और मीठा-मीठा बोलो.
आपको जानकार हैरानी होगी कि छोटा-सा दिखनेवाला तिल बहुत से गुणों की खान है, ये हाई ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल करता है, दिल की बिमारियों के लिए भी ये अच्छा है, इसमें कैंसर-रोधी ऐंटी-ऑक्सिडेंट मिलता है, डिप्रेशन , ख़ून की कमी जैसी समस्याओं से भी निजात दिलाता है और ठंड में शरीर को गर्म तो करता ही है.
एक बहुत ज़रूरी बात ये भी है कि अकेला तिल बहुत गर्मी करता है इसलिए इसे गुड़ के साथ खाया जाता है और कम मात्र में खाया जाता है, क्योंकि इसकी ज़्यादा मात्रा नुक़सानदायक हो सकती है. शायद इसीलिए गजक जैसी सूखी मिठाई का अविष्कार किया गया होगा, ताकि तिल के ज़्यादा से गुणों का लाभ उठाया जा सके.

क़िस्से गजक वाले: कोई मुंबई में बैठकर गजक का मज़ा ले ही नहीं सकता ये ऐसी चीज़ है, जो गर्म मौसम में अच्छी भी नहीं लगती. इसका स्वाद लेने के लिए मौसम में हल्की ठंड बहुत ज़रूरी है, इसका संबंध कृषि वाले त्यौहारों से भी रहा है, पर गजक सामान्य तौर पर ज़्यादा ठंड वाली जगहों पर बहुत चाव से खाई जाती है.अब तो बाज़ार चॉकलेट गजक, गजक रोल, ड्राई फ्रूट गजक जैसी कई वैराइटी भी उपलब्ध है.
क़िस्सों का तो क्या ही कहें हम ठंडवाली जगहों के रहनेवाले हमारे घरों में पूरी सर्दी गजक का डिब्बा मिलता ही था. कोई मेहमान आया तो गजक की प्लेट सामने, सुबह पोहे के साथ, रात के खाने के साथ गजक हुआ करती थी. इसकी एक और ख़ासियत है ये मीठी होकर भी इतनी मीठी नहीं होती कि जीभ को भली न लगे इसलिए ये हमेशा प्रिय रही है. अब यहां तो गजक कब मिलेगी और वैसी तो नहीं ही होगी तो एक कटोरी में तिल और गुड़ मिलाकर रख लिए हैं, चलते फिरते फांकी मार लेते हैं और वाह गजक कहकर मन बहला लेते हैं. अगली बार जल्द मिलेंगे, किसी और व्यंजन के साथ वाह-वाह करते हुए…

फ़ोटो: गूगल

इन्हें भीपढ़ें

idris-hasan-latif

एयर चीफ़ मार्शल इदरीस हसन लतीफ़: भारतीय वायुसेना के एक प्रेरक नायक

June 5, 2025
यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

June 5, 2025
naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

June 4, 2025
Tags: cold weather dish-gajakFood PlusGajakGajak's storyGwalior's GajakHistory Gajak'sKanupriya Guptakanupriya gupta's weekly columnMorena's Gajakweekly columnzaykaइतिहास गजक काकनुप्रिया गुप्ताकनुप्रिया गुप्ता का साप्ताहिक कॉलमगजकगजक की कहानीग्वालियर की गजकज़ायकाठंड का पकवान-गजकफूड प्लसमुरैना की गजकसाप्ताहिक कॉलम
कनुप्रिया गुप्ता

कनुप्रिया गुप्ता

ऐड्वर्टाइज़िंग में मास्टर्स और बैंकिंग में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा लेने वाली कनुप्रिया बतौर पीआर मैनेजर, मार्केटिंग और डिजिटल मीडिया (सोशल मीडिया मैनेजमेंट) काम कर चुकी हैं. उन्होंने विज्ञापन एजेंसी में कॉपी राइटिंग भी की है और बैंकिंग सेक्टर में भी काम कर चुकी हैं. उनके कई आर्टिकल्स व कविताएं कई नामचीन पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं. फ़िलहाल वे एक होमस्कूलर बेटे की मां हैं और पैरेंटिंग पर लिखती हैं. इन दिनों खानपान पर लिखी उनकी फ़ेसबुक पोस्ट्स बहुत पसंद की जा रही हैं. Email: [email protected]

Related Posts

abul-kalam-azad
ओए हीरो

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
dil-ka-deep
कविताएं

दिल में और तो क्या रक्खा है: नासिर काज़मी की ग़ज़ल

June 3, 2025
badruddin-taiyabji
ओए हीरो

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.