अपने वीकली कॉलम में इस बार कनुप्रिया गुप्ता आपको भारतीय रसोई के पसंदीदा व्यंजनों में एक पालक पनीर के इतिहास और रोचक क़िस्सों से रूबरू कराएंगी. तो चलिए उनके साथ स्वाद गली की यात्रा पर.
बरसात का मौसम अब जाने को है. जल्द ही ठंडी हवाओं वाला मौसम दस्तक दे देगा और वह वक़्त भी आएगा जब घरों में रजाइयां निकल आएंगी और घी की ख़ुशबू फैलने लगेगी. बरसात का जाना और ठण्ड का आना जैसे खाने पीने के शौक़ीन लोगों के लिए जन्नत का अहसास करवाने वाला वक़्त है, और सेहत के प्रति जागरूक लोगों के लिए भी ये अच्छा वक़्त होता है. ऐसे वक़्त में रोज़ के खानों में कितनी चीज़ें बढ़ जाती है त्यौहारों की दस्तक तो हो ही जाती है, और सच तो ये है कि सर्दियां सिर्फ़ हलवा, लड्डू नहीं लाती ये अपने साथ दूसरे कई व्यंजन भी लाती हैं.
आज ऐसे ही हर दिल अज़ीज़ व्यंजन के बारे में बात करेंगे, जो स्वाद और सेहत से भरपूर है और वसा, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल का भण्डार भी है. जी हां, पालक पनीर ऐसा ही व्यंजन है जिसका स्वाद उसे पनीर की बाक़ी सारी सब्ज़ियों से अलग बनाता है. आप पनीर की दूसरी सब्ज़ियों में मुख्यतः प्याज टमाटर की ग्रेवी देखेंगे या काजू की ग्रेवी पर साग पनीर या पालक पनीर ही एक अकेली सब्ज़ी है, जिसकी ग्रेवी में पालक का सबसे अहम् किरदार होता है.
इतिहास के झरोखे से
जब पालक पनीर की बात आती है तो पनीर की बात तो होगी ही. वैसे पनीर की पूरी कहानी जन्म आदि पर पूरी बात फिर कभी आराम से करेंगे, पर हां पनीर का जन्म भारत में ही हुआ और मंगोलों के समय में हुआ, पर इसका प्रचलन मुगलों के वक़्त में बढ़ा.
जहां तक बात है पालक पनीर की 2,000 ईसा पूर्व भारत में सरसों का साग प्रचलन में था, जिसे याक के दूध के साथ पकाया जाता था. जैसे-जैसे समय बदला इसमें पालक मिलाया जाने लगा, जिसे आज सरसों का साग के नाम से जाना जाता है. इसके बाद इसका एक वर्ज़न और प्रचलित हुआ जिसमे सिर्फ़ पालक का प्रयोग होता था और तला हुआ या सादा पनीर इस्तेमाल किया जाता था. शाकाहारियों के लिए यह व्यंजन जैसे वरदान बनकर आया, क्योंकि इसमें भोजन आवश्यकताओं को पूरा करने वाली हर चीज़ मौजूद थी. भारत में एक बड़ी जनसंख्या आम जीवन में वेजेटेरियन है तो मीट के प्रोटीन की बराबरी करने के लिए मुख्य रूप से पनीर का इस्तेमाल किया जाता है. पंजाब (भारतीय भी और पाकिस्तानी भी) में साग पनीर ही मुख्य रूप से खाया जाता रहा, पर पालक क्योंकि हर जगह आसानी से उपलब्ध है और स्वाद और टेक्सचर में थोड़ा शहरी फ़्लेवर महसूस करवाता है और सबसे बड़ी बात ये पूरे साल आसानी से मिलता है इसलिए शायद पालक पनीर तेज़ी से प्रचलित होता गया. और ये सिर्फ़ भारत में ही नहीं पाकिस्तान में भी उतना ही प्रचलित हुआ.
पालक पनीर और कुछ बारीक़ बातें
देखी पालक पनीर में सिर्फ़ पालक को ही बारीक़ नहीं पीसना होता है कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान भी रखना होता है, जैसे इसे बनाते समय इसकी ग्रेवी में ज़रा-सी कसूरी मेथी और काली मिर्च का पाउडर भी डाला जाए तो इसमें एक क्रीमी टेक्सचर आता है. इसी के साथ अगर आप लहसुन खाते हैं तो इसमें बारीक़ कटी हुई लहसुन तड़के में डालिए (तड़का घी में लगाइए). यह ठण्ड के मौसम में शरीर को गर्मी तो देता है एक बेहतरीन स्वाद भी उभरकर आता है. इसी के साथ थोड़ा-सा चना मसाला डालिए उससे भी पालक पनीर का स्वाद उभरकर आता है.
जब पालक पकने आ जाए तो इसमें घी डालिए और 4-5 मिनट धीमी आंच पर पकाइए. इससे पालक का स्वाद खिल जाएगा. बाक़ी तो पालक पनीर की कई अच्छी रेसिपीज़ आपको मिल जाएंगी जो आपको स्वाद की दुनिया की सैर करवा देंगी.
पालक पनीर के हमारे क़िस्से
मैं पालक पनीर ओपोस विधि से बनाती हूं और यक़ीन मानिए उसका स्वाद आम पालक पनीर से कहीं बेहतर लगता है साथ ही इस तरह से पालक पनीर बनाने से पालक के जो पोषक तत्व होते हैं वो भी बिलकुल ख़त्म नहीं होते (इस पर कभी पूरी डीटेल में बात की जा सकती है पर अभी बस इतना बता दूं की ये भोजन को जल्दी और बिना उसके पोषक तत्व ख़त्म किए बनाने की विधि है).
क़िस्से देखे जाएं तो पालक पनीर का एक क़िस्सा मुझे अभी याद आ रहा है. एक बार हमने अपने दोस्तों के परिवार को डिनर के लिए बुलाया और उस दिन में मेनू में पालक पनीर भी था. उन लोगों ने बड़े चाव से पालक पनीर खाया और सबसे बड़ी बात उन्होंने कहा की हम नॉनवेज खाने वाले होटल में जाकर वही सब मंगवाते हैं और पालक पनीर घर में तो कभी बनता ही नहीं, क्योंकि हम यही सोचते रहे की पनीर को पालक के साथ कौन बिगाड़े, पर आज खाकर पता चला की ये इतना अच्छा लगता है! उस दिन मुझे सच में बहुत ख़ुशी हुई सिर्फ़ इसलिए नहीं की खाने की तारीफ़ हुई बल्कि इसलिए की हम शाकाहारी लोगों के भोजन में कितना कुछ है जो लोगों तक पहुंच ही नहीं पाता, जो सच में स्वादिष्ट और पौष्टिक दोनों है.
अच्छा आज का साथ यहीं तक, अगले हफ़्ते फिर मिलेंगे और कई बातों के साथ, कुछ कहना चाहते हैं, पूछना बताना चाहते हैं तो [email protected] पर लिख भेजिए. आप नीचे कमेंट बॉक्स में भी अपने मन की बात लिख सकते हैं.
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