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जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे: जॉन एलिया की शायरी

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 5, 2021
in कविताएं, ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब
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जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे: जॉन एलिया की शायरी
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उर्दू शायरी को उसकी नफ़ासत के लिए जाना जाता है. उर्दू शायर शायरी के अपने सलीके के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में जॉन एलिया की शायरियां सलीके के इस फ्रेम को तोड़ती हैं. यही कारण है, आज की पीढ़ी को नफ़ासत भरे शायरों के बजाय जॉन एलिया ज़्यादा पसंद आते हैं. यहां पढ़ें उनकी शायरी ‘जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे’.

जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे
पहुंचेगी जो न उस तक हम उस ख़बर में होंगे

थक कर गिरेंगे जिस दम बांहों में तेरी आ कर
उस दम भी कौन जाने हम किस सफ़र में होंगे

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ऐ जाने-अहदो-पैमां, हम घर बसाएंगे हां
तू अपने घर में होगा, हम अपने घर में होंगे

मैं ले के दिल के रिश्ते घर से निकल चुका हूं
दीवारो-दर के रिश्ते, दीवारो-दर में होंगे

तुझ अक्स के सिवा भी ऐ हुस्ने-वक़्ते-रुख़्सत
कुछ और अक्स भी तो उस चश्मे-तर में होंगे

ऐसे सराब थे वो ऐसे थे कुछ कि अब भी
मैं आंख बंद कर लूं तब भी नज़र में होंगे

उस के नक़ूशे-पा को राहों में ढूंढ़ना क्या
जो उस के ज़ेरे-पा थे वो मेरे सर में होंगे

वो बेशतर हैं जिन को कल का ख़याल कम है
तू रुक सके तो हम भी उन बेशतर में होंगे

आंगन से वो जो पिछले दालान तक बसे थे
जाने वो मेरे साए अब किस खन्डर में होंगे

जब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगे
पहुंचेगी जो न उस तक हम उस ख़बर में होंगे


पुस्तक: मैं जो हूं, ‘जॉन एलिया’ हूं
संकलन: शीन काफ़ निज़ाम
संपादन: डॉ कुमार विश्वास
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
Illustration: Pinterest

Tags: Aaj ki KavitaHindi KavitaHindi KavitayeinHindi KavitayenHindi PoemJab hum kahin na honge tab shahar bhar mein honge by Jaun EliaJaun EliaJaun Elia PoetryKavitaPoet Jaun Eliaआज की शायरीजब हम कहीं न होंगे तब शहर भर में होंगेजॉन एलियाजॉन एलिया की शायरीशायर जॉन एलियाशायरीहिंदी कविताएंहिंदी शायरी
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हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

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