• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ओए हीरो

‘‘हम ऐसे रहें कि सर्वे भवंतु सुखिन: कहना सार्थक हो.’’

शिल्पा शर्मा by शिल्पा शर्मा
May 4, 2022
in ओए हीरो, मुलाक़ात
A A
mothers-day
Share on FacebookShare on Twitter

मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर वे भी इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हमारे देश में भी इसे मनाने का चलन पिछले कुछ सालों में बढ़ा ही है. इस दिन हमारे देश में हर धर्म और मज़हब के लोग बाज़ार के दबाव में ही सही अपनी मां को याद कर लेते हैं, उनसे फ़ोन पर बात कर लेते हैं और कुछ तो उन्हें हैप्पी मदर्स डे कह कर विश भी कर देते हैं. लेकिन जिस तरह हमारे देश के सामाजिक तानेबाने में पिछले कुछ सालों में बदलाव आया है, जिस तरह अल्पसंख्यकों, बहुसंख्यकों के मुद्दे उठाए जा रहे हैं और जिस तरह की हिंसा देखने में आई है, आख़िर यह भी तो जाना जाना चाहिए कि आख़िर एक मां ऐसे में कैसा महसूस करती है? आज से आठ मई तक हम रोज़ाना इस मामले में एक मां से बात कर के जानेंगे उनके दिल की बात. जानेंगे कि आज के परिवेश में वो अपने बच्चों को बड़ा करते हुए कैसा महसूस करती हैं? आज इस क्रम में हमने बात की बिलासपुर की प्रभा छाबड़ा से.

 

प्रभा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रहती हैं. उनकी दो बेटियां हैं. वे एक मल्टिनैशनल सॉफ़्टवेयर कंपनी की डायरेक्टर (ह्यूमन रिसोर्स) हैं. प्रभा को अपनी बेटियों के साथ समय बिताना पसंद है. प्रभा से भी हमने वही दो सवाल पूछे, जो हम इस सप्ताह सभी मांओं से पूछ रहे हैं. यहां पढ़िए उनसे किए गए सवाल और उनके जवाब.
प्रभा, आज के समय में जब रोज़ाना इस तरह की ख़बरें पढ़ने मिल रही हैं, जहां कुछ धर्मों के बीच टकराव हुआ है. हमारे देश के सामाजिक तानेबाने पर असर पड़ रहा है. ऐसे में आप अपने बच्चों की परवरिश को ले कर कैसा महसूस करती हैं?

इन्हें भीपढ़ें

naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
abul-kalam-azad

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
badruddin-taiyabji

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
dr-m-vishweshwaraiya

आधुनिक भारत के शिल्पकार डॉ मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया

September 15, 2024

निसंदेह वर्तमान परिदृश्य में देश माहौल पूर्ण रूप से संतुलित तो नहीं कहा जा सकता. जहां एक ओर हम शिक्षा, विज्ञान, तकनीक के क्षेत्र में नए आयामों को छू रहे हैं, वहीं तात्कालिक परिस्थितियां चिंताजनक हैं, क्योंकि राष्ट्र को धर्म के आधार पर समुदाय में बांटने का प्रयास किया जा रहा है, सांप्रदायिक दंगे होने की सम्भावना दुखी करती है. ये अनुचित है, क्योंकि ऐसे प्रयासों से देश और देशवासियों के बिखरने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे वातावरण में ‘विकास’ की जगह ‘विनाश’ ले सकता है, जिसका सीधा और प्रत्यक्ष प्रभाव आज के हमारे बच्चों पर भी दिखलाई पड़ रहा है.

इसलिए एक मां होने के नाते अपने बच्चों के लिए चिंता होना जायज़ है. और साथ ही यह कर्तव्य भी है कि अपने बच्चों को सही-ग़लत का फ़र्क़ समझाएं. पढ़ाई और खेलकूद के साथ साथ उन्हें देश की वर्तमान स्थिति और उनके दायित्वों को भी समझाया जाए.

हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है, यहां सभी धर्मों को समान रूप से आदर मिलता है. विविधता में एकता हमारे देश की पहचान है. किसी भी देश के विकास में उसकी संस्कृति और सभ्यता का बहुत बड़ा योगदान होता है. भारतीय संस्कृति कभी कठोर नहीं रही इसीलिए यह आधुनिक काल में भी गर्व के साथ जिंदा है. और देश में इन दिनों जो हो रहा है, उससे मैं एक मां होने के नाते बच्चों के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हूं, भयभीत हूं.

देश के कुछ स्थानों में धर्म विरोधी कार्यक्रमो, नारों और भाषणों को लेकर भी और अपने अपने धर्म को सही और श्रेष्ठ साबित करने की जो घटना घटी उसे लेकर भी. यह बहुत ही शर्मनाक और निंदनीय है. जिन्होंने भी षडयंत्र पूर्वक यह घटनाक्रम रचा, वह देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे लोग देश में विभाजन चाहते हैं उनका इरादा देश में आतंक का माहौल बनाना है ऐसे लोगों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसा मेरा मानना है कि मानवता का धर्म ही सबसे बड़ा धर्म है जिससे आने वाली पीढ़ी, बच्चे सभी सुरक्षित महसूस करें. इसलिए मैं तो कहूंगी कि मानव को मानव से जोड़ें, मानवता हो धर्म, राष्ट्र एक हो प्रलय काल तक, प्रेम है इसका मर्म.

 

ऐसे में आप देश के अन्य नागरिकों को और सरकार को क्या संदेश देना चाहेंगी?
मैं चाहूंगी कि कोई भी राज्य शहर नगर ऐसे घृणित कामों का केंद्र ना बने. ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर सबको एक स्वर में देशद्रोहियों का विरोध करना चाहिए. जो लोग किसी भी धर्म के विरोध में नारे लगाने वालों के पक्ष में राजनीति कर रहे हैं, यह वाक़ई दुर्भाग्यपूर्ण है. इसका विरोध होना चाहिए, ताकि देश अमन चैन से विकास के पथ पर अग्रसर रहे.
मां होने के नाते मेरा अनुभव कहता है, जब तक हम इस घृणित बुराई के ख़िलाफ़ खड़े नहीं होंगे, इससे मुक्ति संभव नही है. अतः सभी लोगों, सरकार और बच्चों को यही संदेश देना चाहूंगी कि हमें इस बात को हमेशा याद रखना चाहिए कि अनेकता में एकता हमारे देश की पहचान रही है! हमारे पूर्वजों ने हमें सभी धर्मों का सम्मान करना सिखाया है इसे यथावत बनाए रखने के लिए प्रयास कीजिए. इसमें महिला संगठनों, युवा संगठनों, विभिन्न समितियों और देश की सरकार को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी, ताकि हमारा ‘सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे भवंतु निरामया’ कहना सार्थक हो. ऐसा करने पर ही भारत का प्रत्येक नागरिक शांतिपूर्ण वातावरण में जीवन यापन कर सकेगा.
हमें मिल कर इस तरह का प्रण लेना होगा-
इंसानियत, उदारता, एकता, धर्मनिरपेक्षता अपनाएंगे
समता, समन्वय, सदाचार से इसे अक्षुण्ण बनाएंगे.

फ़ोटो: गूगल

Tags: maa ke dil ki baatMother's DayMother's Day specialMother's heartParentingupbringingwe have to live togetherपरवरिशमदर्स डेमदर्स डे पर विशेषमां के दिल की बातमुलाक़ातहमें साथ रहना है
शिल्पा शर्मा

शिल्पा शर्मा

पत्रकारिता का लंबा, सघन अनुभव, जिसमें से अधिकांशत: महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कामकाज. उनके खाते में कविताओं से जुड़े पुरस्कार और कहानियों से जुड़ी पहचान भी शामिल है. ओए अफ़लातून की नींव का रखा जाना उनके विज्ञान में पोस्ट ग्रैजुएशन, पत्रकारिता के अनुभव, दोस्तों के साथ और संवेदनशील मन का अमैल्गमेशन है.

Related Posts

life-mantra
ओए हीरो

आख़िर क्या है जीवन का मक़सद?

July 8, 2024
जानिए, कौन है वो शख़्सियत जिसके चलते हम मनाते हैं फ़ादर्स डे
ओए हीरो

जानिए, कौन है वो शख़्सियत जिसके चलते हम मनाते हैं फ़ादर्स डे

June 16, 2024
राम ने जब रोटी खाई तो क्यों हुई मेरी पिटाई?
ओए हीरो

राम ने जब रोटी खाई तो क्यों हुई मेरी पिटाई?

January 24, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.