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अलमारी बिखरी-बिखरी रहती है? कुछ प्रैक्टिकल टिप्स वॉर्ड्रोब को सहेजने के

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
February 10, 2022
in ज़रूर पढ़ें, लाइफ़स्टाइल, होम डेकोर-अप्लाएंसेस
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अलमारी बिखरी-बिखरी रहती है? कुछ प्रैक्टिकल टिप्स वॉर्ड्रोब को सहेजने के
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हमें पता है चाहे आप कितनी ही बार अलमारी क्यों न जमा लें, कुछ ही सप्ताह या महीने में वो दोबार बिखर जाती है और चीज़ें ढूंढ़ने से भी नहीं मिलतीं. हम ये दावा तो नहीं करते कि हमारे बताए हुए तरीक़ों को जब आप अमल में लाएंगे/लाएंगी तो वॉर्ड्रोब में रखे कपड़े हमेशा जस का तस बने रहेंगे, लेकिन यह ज़रूर कहेंगे कि इन ट्रिक्स को आज़माने पर लंबे समय तक आपको चीज़ें सही जगह पर मिलेंगी.

 

आप युवक हों या युवती, इन दिनों इतने तरह के कपड़े पहनने और ख़रीदने के विकल्प उपलब्ध हैं कि पूछिए ही मत और उन्हें रखने के लिए अल्मारी, वो तो एक ही है ना. यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जिनकी अल्मारी हफ़्तेभर के भीतर बिखरकर ऐसी हो जाती है कि चीज़ें ढूंढ़े से नहीं मिलतीं तो भाइयों और बहनों यहां आपकी इस समस्या का 75% निदान मिल जाएगा. बाक़ी 25% के लिए तो आपको थोड़ा अनुशासित रहना पड़ेगा. आइए, जानते हैं अलमारी में कपड़ों और ऐक्सेसरीज़ को सही तरीक़े से अरेंज करने के टिप्स

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कपड़ों को बांट लें
यह तो बड़ी आसान सी बात है. आप ऐसा करते भी होंगे. पर यहां हम ये कहना चाहते हैं कि इन दिनों मिक्स ऐंड मैच का ज़माना है. बात युवतियों की करें तो उनके पास स्कर्ट, पलाज़ो, जींस, ट्राउशर्स, केप्रीज़, शॉर्ट्स जैसे बॉटमवेयर होते हैं तो युवकों के पास भी जींस, ट्राउशर्स, शॉर्ट्स और थ्री-फ़ोर्थ लंबाई के बॉटम वेयर्स होते हैं. शर्ट्स, टी-शर्ट्स, क्रॉप टॉप्स और कुछ कैशुअल, कुछ फ़ॉर्मल कपड़े भी होते हैं. कुछ घर पर पहनने के और कुछ बाहर पहनने के कपड़े होते हैं. कुछ रात में पहनने के और कुछ सुबह सैर, ऐक्सरसाइज़ या स्विमिंग आदि के लिए भी कपड़े होते हैं. कुछ ड्रेसेस ऐसी होती हैं जो सेट्स में आती हैं, जैसे- सलवार सूट, लहंगा चोली आदि लड़कियों के लिए और सूट-पैंट्स, थ्री-पीस आदि लड़कों के लिए. सबसे पहले तो आप इन कपड़ों को अलग कर लीजिए. फिर यह तय कीजिए की बाहर और ऑफ़िस में पहने जानेवाले यानी फ़ॉर्मल कपड़े आप किस खाने में रखना चाहते हैं और बाक़ी के कपड़े आप किस खाने में रखना चाहते हैं.

कलर स्कीम का ध्यान रखें
जब कपड़े और उन्हें रखने के खाने तय हो जाएं तो उन्हें कलर स्कीम के हिसाब से अरेंज कर लीजिए. आसानी के लिए आप ‘विबग्योर’ यानी इंद्रधनुषी रंगों का क्रम, जिसे हम हिंदी में ‘बजानीहपीनाला’ कहते हैं, उसे चुन सकते हैं. ऐसा करने से आपके लिए कपड़ों को ढूंढ़ना आसान हो जाएगा, साथ ही उन्हें वापस रखने समय भी पता होगा कि इस कपड़े को कहां रखना है. या फिर रंगों का अपना कोई क्रम बना सकते हैं.

बाज़ार में उपलब्ध हैंगर्स पर ध्यान दें
इन दिनों बाज़ार में फ़ोल्डेबल हैंगर्स उपलब्ध हैं, जिनमें आप एक से ज़्यादा कपड़े रख सकते हैं, वो भी केवल एक हैंगर जितनी जगह में उनका इस्तेमाल आपकी छोटी-से-छोटी वॉर्ड्रोब में सभी कपड़ों के लिए जगह बना देगा. साथ ही, कपड़ों को रखने के लिए सेपरेटर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है.

स्टोल्स, स्कार्फ़ और दुपट्टों को कपड़ों के साथ न रखें
अलमारी के खाने में स्टोल्स, स्कार्फ़ और दुपट्टे, बिल्कुल न रखें, बल्कि इन्हें अलमारी के दरवाज़े पर एक या दो हैंगर्स पर इस तरह टांगकर रखें कि ये आपको आसानी से दिखाई दें. और रखते समय आप इन्हें आसानी से रख सकें.

इनर वेयर्स अलग रखें
अलमारी की किसी एक ड्रॉर या हिस्से को इनर वेयर्स के लिए आरक्षित रखें. यहां केवल इनरवेयर्स ही रखें. इसी तरह मोजे यानी जुराबों और रुमालों को रखने के लिए भी एक हिस्सा तय कर लें और उन्हें हर बार वहीं रखें, जो जगह आपने तय की है.

ऐक्सेसरीज़ को बॉक्सेज़ में रखें
बेल्ट, वॉलेट, कफ़लिंक्स, जूलरी इन सभी चीज़ों को एक या दो हिस्सों में बांट लें और उन्हें बॉक्सेज़ में रखें. यदि ये बॉक्सेज़ पारदर्शी यानी ट्रांस्पैरेंट हों तो आपको इन्हें निकालने में और भी आसानी होगी. हां, रखते समय ज़रूर ध्यान से इन चीज़ों को वापस उसी जगह रखना होगा.

मौसम के हिसाब से करें व्यवस्थित
आपको अलमारी को मौसम के हिसाब से साल में कम से कम तीन बार तो व्यवस्थित करना ही होगा. मसलन, अभी सर्दियों का मौसम विदा लेगा तो आप सर्दियों के कपड़े अलग खाने में या अलग जगह रख सकते हैं और गर्मियों में पहने जानेवाले हल्के रंगों के या स्लीवलेस कपड़ों को अपनी पहुंच में रख सकते हैं.

सबसे ख़ास सलाह
बावजूद इन टिप्स को अमल में लाने के यदि आप कपड़ों और ऐक्सेसरीज़ को वापस सही जगह पर नहीं रखेंगे तो समझिए गई सारी मेहनत पानी में. पर आप चिंता न कीजिए, क्योंकि इसके लिए भी हमारे पास एक टिप है: आप अपने कपड़ों और ऐक्सेसरीज़ को बाहर ही रहने दीजिए और उन्हें अलमारी में तभी अंदर रखिए, जब आपके इतना समय हो कि आप उन्हें सही जगह पर, करीने से तह लगाकर रख सकें.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

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हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

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