मुझे पता है कि आप भी संतरों का स्वाद लेकर उसके छिलकों को डस्टबिन का रास्ता दिखा देते होंगे. लेकिन जब आप डॉक्टर दीपक आचार्य से इन छिलकों के इस्तेमाल और इनके फ़ायदे के बारे में जानेंगे तो ख़ुद ब ख़ुद इन्हें फेंकने की बजाय, इनका इस्तेमाल करने को तवज्जो देने लगेंगे.
दुनियाभर में संतरा बड़ा पॉपुलर फ्रूट है, विटामिन C की बहुतायत की वजह से इसे ख़ूब खाया और सराहा जाता है, लेकिन आपको शायद पता नहीं होगा कि इनके छिलकों में इसके पल्प से ज्यादा विटामिन C पाया जाता है. ये बात अलग है कि संतरे को खाते ही छिलकों को डस्टबिन का रास्ता दिखाने में हम मुस्तैद रहते हैं.
क्या छिलकों को कंज़्यूम किया जा सकता है? बेशक़! हां, इसे थोड़ी तरक़ीब के बाद कंज़्यूम किया जाना चाहिए. छिलकों को अच्छी तरह से धोकर, साफ़ करके बारीक टुकड़े कर लें और छां व में सुखा लीजिए. और जब ये पूरी तरह से सूख जाएं तो इसे ग्राइंड कर लीजिए. छिलकों का जो पाउडर तैयार होगा, उसे बढ़िया एयर टाइट कंटेनर में रख लें.
फ़ाइबर और विटामिन सी से भरपूर है
संतरे के छिलकों के एक चम्मच पाउडर में दिनभर के लिए आवश्यक विटामिन C का 14% हिस्सा पाया जाता है, यानी भीतरी हिस्से से लगभग 3 गुना ज़्यादा. इसी पाउडर में संतरे के भीतरी हिस्से से 4 गुना ज्यादा फ़ाइबर पाया जाता है. रिसर्च बताती हैं कि फ़ाइबर्स और विटामिन C हमारे हार्ट और डाइजेस्टिव सिस्टम की बेहतरी के लिए ज़रूरी हैं. ये भी पता हो कि संतरे के छिलकों में प्रो-विटामिन A, फ़ोलेट, राइबोफ़्लेविन, विटामिन B6 और कैल्शियम भी पाया जाता है, इतने ख़ास कंपाउंड्स हैं इसमें और आप हैं कि इसे फेंक मारते हैं.
सुनो, छिलकों में पॉलीफ़िनॉल कंपाउंड्स भी पाए जाते हैं, ख़ातौर से हेसपेरिडीन और पॉलीमेथाक्सी फ़्लेवोन, जिनपर दुनियाभर के वैज्ञानिक खोज कर रहे हैं. खोज इस बात की कि क्या ये पोलीफ़िनॉल्स कैंसर उपचार में कारगर हैं? छिलकों में एक उड़नशील तेल भी पाया जाता है जिसका 90% हिस्सा एक केमिकल कंपाउंड लीमोनीन है, लीमोनीन को स्किन कैंसर के उपचार के लिए स्कॉलर्स एक महत्वपूर्ण कड़ी मानते हैं.
छिलकों के पाउडर को यूं करें कंज़्यूम
आप आप कहेंगे कि मैंने सारी पंचायत तो कर ली, कंज़्यूम कैसे करना है, वो तो बताया ही नहीं. तो ये लीजिए, आपने जो पाउडर तैयार किया है, उसे रोज़ एक चम्मच पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी के साथ घोलकर गटक लेना है, बस. हफ्तेभर ट्राय करके तो देखिए, फिर बताइएगा, क्या फ़र्क़ समझ आया महाराष्ट्र के विदर्भ में वरुड इलाके में भटकते हुए एक बार मैंने संतरे के छिलकों के बारे में एक बुज़ुर्ग जानकार ने गज़ब की जानकारी पाई. छिलकों के पाउडर की एक चम्मच मात्रा को डिनर के बाद एक कप पानी में घोलकर पीने से पाचन दुरुस्त होता है और जोड़ दर्द में राहत मिलती है. मुझे नहीं पता उन दादाजी ने कौन-सा रिसर्च पेपर पढ़कर ये ज्ञान मुझे दिया था, लेकिन आधुनिक विज्ञान ने बाकायदा छिलकों के कंपाउंड्स में ऐंटीइन्फ़्लैमटॉरी गुण होने के दावों को सही साबित किया है. यह हमारे देश का पारंपरिक ज्ञान है. बुज़ुर्गों से बतियाएंगे तो एक एक गिरहें खुलती जाएंगी और ज्ञान की बारिश होगी, बस उनसे संवाद होता रहे.
स्वाद जमे और कंज़्यूम करने में दिक़्क़त ना हो तो रोज लीजिए, सबसे बढ़िया बात. मज़ा ना आए तो कौन से पैसे वापस करने हैं? बात आपकी सेहत की है, आपके पास फ़ुर्सत भले ना हो, हम तो ठहरे फ़ुरसतिया, हम तो पोटली खोलते रहेंगे, भटकते रहेंगे.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट
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