• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

कहां तुम चले गए: कहानी जगजीत सिंह की, जिन्होंने ग़ज़ल को आम लोगों तक पहुंचाया

जय राय by जय राय
August 20, 2022
in ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब, समीक्षा
A A
kahan-tum-chale-gaye_Jagjit-singh
Share on FacebookShare on Twitter

अपनी मखमली आवाज़ के चलते आमो-ख़ास के पसंदीदा ग़जल गायक रहे जगजीत सिंह की जीवनी ‘कहां तुम चले गए…दास्तान-ए-जगजीत’ उनके फ़ैन्स के लिए बेहद ख़ास तोहफ़ा है. वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल की यह किताब बताती है कि कोई भी सपना यूं ही पूरा नहीं हो जाता. ग़ज़ल को ख़ास लोगों के ड्रॉइंग रूम से निकालकर आम लोगों तक पहुंचाने में जगजीत का क्या योगदान रहा? वो कौन-सी बातें थीं, जिन्होंने ग़ज़लों से जगजीत को जोड़े रखा और उन्हें बाक़ी ग़ज़ल गायकों से अलग बनाया? भारतीय ग़ज़ल गायन में जगजीत की विरासत की पड़ताल करते राजेश बादल, जगजीत के चाहने वालों को मानसिक रूप से उनके और नज़दीक ले जाते हैं.

पुस्तक: कहां तुम चले गए…दास्तान-ए-जगजीत
लेखक: राजेश बादल
प्रकाशक: मंजुल पब्लिशिंग हाउस
मूल्य: 699 रुपए
कैटेगरी: नॉन-फ़िक्शन/ बायोग्राफ़ी
रेटिंग: 4.5/5 स्टार

अगर आप ग़ज़ल प्रेमी हैं और आपको लगता है कि भारत में ग़ज़ल हमेशा से गाई जाती रही है. उसकी भाषा एकदम सरल रही है, तो आपको ग़ज़ल के इतिहास को थोड़ा पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत है. जगजीत के बतौर ग़ज़ल गायक बनने के पहले गायन की यह विधा मूलतः बेग़म अख़्तर, कुंदन लाल सहगल, मेहंदी हसन और तलत महमूद जैसे लोगों के कारण प्रतिष्ठित थी. ग़ज़लों को मुशायरे के दरम्यान तरन्नुम में पढ़ने वाले शायर ही इतने सुरीले होते थे कि शायद अलग से गायकों की ज़रूरत समझी नहीं गई. ग़ज़ल को ख़ास जहीन और कुलीन वर्ग की पसंद माना जाता था. जगजीत सिंह ने ग़ज़ल को ख़ास लोगों के दायरे से खींचकर आम लोगों तक पहुंचाने का काम किया. इन्हीं सब का लेखा जोखा है इस किताब में, जो राजस्थान के गंगानगर के युवक जगमोहन का पंजाब होते हुए मुंबई पहुंचकर जगजीत बनने की यात्रा का बेहद रोमांचक वर्णन है. उस युवक का पहली बार मुंबई से निराश होकर लौटना. उसके बाद दोस्त के प्रोत्साहन से दूसरी बार मुंबई वापस आना और सफल ग़ज़ल गायक बनने की कहानी के साथ छोटे-छोटे क़िस्से आपको हंसा भी सकते हैं और रुला भी. जीवन के तमाम उतार-चढ़ाव और उनसे दो-दो हाथ करते जगजीत आपको किसी महानायक की तरह प्रेरित कर सकते हैं.
जगजीत सिंह का शुरुआती नाम जगमोहन था. उनके नामधारी गुरु ने उनको दीक्षा देने के बाद उनको गाते हुए सुना तो उनके गीत गाने के अंदाज़ से काफ़ी प्रभावित हुए. उन्होंने कहा यह बच्चा तो इतना अच्छा गाता है कि एक दिन पूरी दुनिया जीत लेगा. इसका नाम जगमोहन नहीं, जगजीत सिंह होना चाहिए. गुरु के सुझाव से जगमोहन के पिता ख़ुश होकर उसका नाम बदल देते हैं.
जगजीत के पिता को संगीत से बहुत लगाव था. इसलिए उन्होंने अपने बेटे को संगीत सीखने के लिए पहले पंडित छगन लाल शर्मा और फिर उस्ताद जमाल ख़ान के पास भेजा. जगजीत के पिता और उनके गुरु नहीं चाहते थे कि वो फ़िल्मी गाना गाएं. लेकिन शास्त्रीय संगीत में पारंगत जगजीत शुरुआत में मुंबई फ़िल्मी गायक ही बनने आए थे. आगे चलकर उन्होंने अपने अंदर के कुशल ग़ज़ल गायक को पहचाना और सिफ़र से शिखर तक कि यात्रा शुरू की. जगजीत को शुरुआती दिनों में म्यूज़िक कम्पनी एचएमवी द्वारा सुझाव मिला कि शायद लोग किसी सरदार को ग़ज़ल गायक के तौर पर ज़्यादा पसंद न करें, इसलिए उन्हें अपनी दाढ़ी और लम्बे बाल कटवाने पड़ेंगे. यह एक असमंजस वाली स्थिति थी, लेकिन सपने को साकार करने की राह में जगजीत ने दुखी मन से रोते हुए ख़ुद को सफ़ाचट करवा लिया था.
उन्हीं दिनों की बात है, एक सभा में पहुंचने पर उन्हें यह कहकर रोका गया कि आयोजकों की बात तो एक सरदार गायक से हुई थी, आप जगजीत सिंह नहीं हो सकते. हम आपको ऐसे गाने नहीं दे सकते. जगजीत के काफ़ी अनुरोध करने पर उन्हें वहां गाने दिया गया था. वो भी इस शर्त के साथ कि अगर उनका गाना पसंद नहीं आया तो वो उसके लिए एक भी पैसा नहीं लेंगे.
जगजीत और चित्रा की जोड़ी को लोगों ने काफ़ी पसंद किया, लेकिन कम लोगों को ही पता होगा की शुरुआती दिनों में जब उनकी नई-नई मुलाक़ात हुई थी तो चित्रा की उनमें कोई रुचि नहीं थी. इसके दो कारण थे. एक तो चित्रा पहले से शादी-शुदा थीं और दूसरा जगजीत की भारी आवाज़ के कारण वे उन्हें पसंद नहीं करती थीं. फिर धीरे-धीरे हालात बदले और वे एक दूसरे के क़रीब आए. साथ में गाने से लेकर परिवार बसाने तक के सफ़र को राजेश बादल ने अच्छे से कवर किया है.
राजेश बादल ने जगजीत सिंह से हुई अपनी कई मुलाक़ातों का हवाला देते हुए कहानियां आगे बढ़ाई हैं. उनसे हुई बातचीत को साझा किया है. शुरुआत में ग़ज़ल गायन के लिए जगजीत सिंह पर पाश्चात्य वाद्य यंत्रों के इस्तेमाल के आरोप लगते रहे. राजेश बादल से इस बारे में उन्होंने कहा था कि भले ही मैं पाश्चात्य वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल करता हूं, लेकिन उनसे सुर तो सारेगामापा ही निकालता हूं.
इस किताब को पढ़ने के बाद आपके ज़ेहन में एक और बात स्पष्ट हो जाएगी कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए पहले उसे एक अच्छा इंसान बनना पड़ता है. जब आपमें कुछ ख़ास होता है और आप विनम्र होते हैं तो लोग आपकी मदद के लिए साथ आते हैं. जगजीत को जगजीत बनाने के सफ़र में उन तमाम लोगों ने उनका साथ दिया, जिनसे उनका ख़ून का रिश्ता नहीं था. जगजीत ने भी कभी किसी को भी निराश नहीं किया. कभी किसी से द्वेष भाव नहीं रखा. कभी किसी को भी प्रतिद्वंद्वी की नज़र से नहीं देखा. बहुत सारे नए गायकों को मौक़ा दिया. व्यक्तिगत तौर पर भी अपने से जुड़े हुए लोगों के अलावा अपने दोस्त-साथियों और बहुत सारे अनजान लोगों के लिए मसीहा थे जगजीत. इस किताब में उन तमाम लोगों का ज़िक्र है जिनका नाम आजतक आपने कहीं नहीं सुना होगा.
अगर आप ग़ज़ल प्रेमी हैं तो आपको यह किताब अवश्य पढ़नी चाहिए. मैं, यक़ीन से कह सकता हूं कि यह किताब पढ़ने के बाद आपको जगजीत और ग़ज़ल दोनों से प्यार हो जाएगा, पहले से कहीं ज़्यादा. यह इस किताब और लेखक की सफलता है.

इन्हें भीपढ़ें

idris-hasan-latif

एयर चीफ़ मार्शल इदरीस हसन लतीफ़: भारतीय वायुसेना के एक प्रेरक नायक

June 5, 2025
यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

June 5, 2025
naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

June 4, 2025
Tags: Book on Jagjit SinghKahan tum chale gaye by Rajesh BadalKahan tum Chale gaye Jagjit SinghMajul PublicationManjul Publishing HouseRajesh BadalRajesh Badal Bookकहां तुम चले गएकहां तुम चले गए जगजीत सिंहजगजीत सिंहपुस्तक समीक्षाराजेश बादलराजेश बादल की किताब
जय राय

जय राय

जय राय पेशे से भले एक बिज़नेसमैन हों, पर लिखने-पढ़ने में इनकी ख़ास रुचि है. जब लिख-पढ़ नहीं रहे होते तब म्यूज़िक और सिनेमा में डूबे रहते हैं. घंटों तक संगीत-सिनेमा, इकोनॉमी, धर्म, राजनीति पर बात करने की क़ाबिलियत रखनेवाले जय राय आम आदमी की ज़िंदगी से इत्तेफ़ाक रखनेवाले कई मुद्दों पर अपने विचारों से हमें रूबरू कराते रहेंगे. आप पढ़ते रहिए दुनिया को देखने-समझने का उनका अलहदा नज़रिया.

Related Posts

abul-kalam-azad
ओए हीरो

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
dil-ka-deep
कविताएं

दिल में और तो क्या रक्खा है: नासिर काज़मी की ग़ज़ल

June 3, 2025
badruddin-taiyabji
ओए हीरो

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.