• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

खड़गे की जीत भारत की लोकतांत्रिक चेतना का नया क़दम है

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष का लोकतांत्रिक चुनाव

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 20, 2022
in ज़रूर पढ़ें, नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
congress-president-election
Share on FacebookShare on Twitter

देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए हुए विधिवत चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर को हरा कर कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं. पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक रूप से हुए अध्यक्ष के चुनाव को ले कर पत्रकार व लेखक पीयूष बबेले का नज़रिया.

देश की सबसे पुरानी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए विधिवत चुनाव हुआ और मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को पराजित कर कांग्रेस का अगला अध्यक्ष बनने का हक़ प्राप्त किया. कांग्रेस के अध्यक्ष के लिए हुए चुनाव को लेकर बहुत से तटस्थ और संबद्ध टीकाकारों ने अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन ज़्यादातर लोगों ने ख़ुद को इस बात तक सीमित रखा कि खड़गे बेहतर उम्मीदवार हैं या थरूर.
यूं तो दोनों ही उम्मीदवारों के बारे में कुशलता से पक्ष रखे जा सकते हैं, लेकिन मेरी निगाह में बड़ी बात यह नहीं है कि दोनों में से कौन चुनाव जीता. बड़ी बात यह है कि देश की सबसे पुरानी और आज भी देश के हर इलाक़े में अपना प्रतिनिधि और मतदाता रखने वाली पार्टी के अध्यक्ष के लिए विधिवत चुनाव हुआ. पूरे देश से ब्लॉक लेवल से चुने गए डेलीगेट ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोट डाला. मोटे तौर पर देखें तो मल्लिकार्जुन खड़गे को करीब 8000 और शशि थरूर को 1000 वोट मिले. ऊपर से देखने पर कहा जा सकता है कि यह चुनाव एकतरफ़ा है, लेकिन हारने वाले प्रत्याशी को भी एक हज़ार से ज़्यादा वोट मिलना इतना तो बताता ही है कि चुनाव कठपुतलियों के बीच का खेल नहीं था. पलड़ा ज़रूर एक तरफ़ झुका हुआ दिखा लेकिन संघर्ष में कमी दोनों तरफ़ से नहीं थी.

यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बहुत ही सुखद और भविष्य सूचक घटना है. देश की दूसरी प्रमुख राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी में अध्यक्ष के लिए कोई चुनाव नहीं होता है. वहां एक अज्ञात आम सहमति से किसी व्यक्ति का नाम सामने आता है और उसे अध्यक्ष नियुक्त कर दिया जाता है. अगर कांग्रेस में नेहरू और गांधी परिवार का दबदबा रहा है तो पंडित नेहरू से लेकर सोनिया गांधी के नेतृत्व तक भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व भी लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी बाजपेयी के हाथ में ही रहा है. और उसके बाद से नरेंद्र मोदी भाजपा के एकछत्र नेता हैं.

इन्हें भीपढ़ें

idris-hasan-latif

एयर चीफ़ मार्शल इदरीस हसन लतीफ़: भारतीय वायुसेना के एक प्रेरक नायक

June 5, 2025
यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

June 5, 2025
naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

June 4, 2025

अगर क्षेत्रीय दलों की तरफ़ निगाह डालें तो वहां स्थिति और भी अलग है. वहां या तो एक ही व्यक्ति कई कई वर्ष तक बार-बार पार्टी का अध्यक्ष बना दिया जाता है या फिर उसकी मृत्यु या अक्षम होने की स्थिति में बागडोर उसके पुत्र के हाथ में चली जाती है. इस तरह से क्षेत्रीय दलों के अंदर भी आंतरिक लोकतंत्र की सर्वथा कमी है.

लेकिन कांग्रेस पार्टी ने अपने अध्यक्ष के लिए ज़ोरदार चुनाव कराकर भारतीय लोकतंत्र में कुछ तत्वों का समावेश किया है, जो यूरोप और अमेरिका के अपेक्षाकृत वयस्क लोकतंत्र में देखने को मिलता है. वहां पार्टी के भीतर ही अपने राष्ट्रपति प्रत्याशी या अन्य इसी तरह के महत्वपूर्ण पद के लिए आंतरिक चुनाव होता है. दावेदार पार्टी के भीतर ज़्यादा से ज़्यादा समर्थक अपने पक्ष में लाने की कोशिश करते हैं. और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जो भी प्रत्याशी जीतकर पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनता है यदि वह जीत जाता है तो वह पार्टी के भीतर के अपने प्रतिद्वंदी को अपना दुश्मन नहीं समझता, बल्कि अपने मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण पद देता है.

कांग्रेस पार्टी ने पहले अहिंसक ढंग से भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी और पूरी दुनिया को लोकतंत्र में लड़ाई लड़ने का तरीक़ा सिखाया. उसके बाद आजाद भारत में अपार लोकप्रियता के बावजूद पंडित नेहरू ने इस बात पर पूरा ध्यान दिया कि विपक्ष मज़बूत बने और जनता के सामने हमेशा चुनने के लिए कुछ बेहतर विकल्प हो. चुनावों की पारदर्शिता तय करने के लिए निर्वाचन आयोग की स्थापना करना पंडित नेहरू का एक कालजयी क़दम था. और वर्तमान में सोनिया गांधी ने कांग्रेस पार्टी के भीतर प्रत्यक्ष आंतरिक चुनाव को स्थापित करके भारतीय लोकतंत्र में वह कोहिनूर भी जोड़ दिया है, जिसकी हमारे समाज और संसद दोनों को बहुत ज़रूरत है.

आज जो अच्छी परंपरा कांग्रेस से शुरू हुई है, आशा है कि वह भारतीय जनता पार्टी और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों में भी आज नहीं तो कल दिखाई देगी. क्योंकि लोकतंत्र सिर्फ वोट डालकर सरकार बना देने का ज़रिया नहीं है, वह एक एक आदमी के मन में ऊंचे से ऊंचा ओहदा पाने का ख़्वाब देखने का एक वादा भी है. वंचित से वंचित आदमी के हाथ में किसी न किसी रूप में सत्ता का एक हिस्सा पहुंचाने का माध्यम भी है. लोकतंत्र तब तक मुक़म्मल नहीं होता जब तक कि सबसे वंचित व्यक्ति सत्ता के सबसे ऊंचे शिखर तक पहुंचने के बारे में ना सोच सके.
sonia-gandhi_mallikarjun-kharg

मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के चुनाव में यह बात भी सामने आ गई. खड़गे दलित समुदाय से आते हैं और उन्होंने उन सामाजिक विषमताओं को देखा और भोगा है, जो दलित समुदाय के लोगों ने हज़ारों साल से झेली हैं. जब वे सिर्फ 7 साल के थे तो उनकी माता का दंगों के दौरान निधन हो गया था. स्व. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ख़ुद उन्हें ब्लॉक कांग्रेस कमेटी क्या अध्यक्ष बनाया था. तब से लेकर आज तक उनकी यात्रा चुनावी राजनीति में सफलता के नए झंडे गाड़ने वाली रही है. वह हमारे समय के बाबू जगजीवन राम हैं.
दूसरी तरफ़ शशि थरूर हैं, जो समाज के उच्च वर्ग से आते हैं. जातिगत आधार पर देखें तो वह सवर्ण समुदाय से हैं. सामाजिक आधार पर देखें तो उन्होंने 29 वर्ष तक संयुक्त राष्ट्र में भारत की नुमाइंदगी की है. वे सोनिया गांधी के बुलावे पर संयुक्त राष्ट्र से भारत आए और सीधे राजनीति के शीर्ष पदों पर उन्हें प्रवेश मिला. वे आकर्षक, प्रभावशाली और लोगों के दिलों पर अधिकार जमाने वाले प्रखर वक्ता हैं.

दोनों प्रत्याशियों के इस राजनीतिक सामाजिक इतिहास को समझने के बाद यह चुनाव और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. जहां समाज की सबसे वंचित तबके से आए व्यक्ति ने समाज के सबसे प्रभुता संपन्न वर्ग से आए व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीक़े से और मोहब्बत से पराजित कर दिया. यही तो सामाजिक न्याय है.

लोकतंत्र का यह नया पड़ाव भारतीय राजनीति को नई ताक़त देगा. जिस तरह से खड़गे और थरूर एक दूसरे के प्रति पूरी तरह सहृदय और उदार बने रहे उससे आशा है कि भारतीय राजनीति में राजनीतिक प्रतिद्वंदी को दुश्मन समझने का जो चलन पिछले कुछ वर्षों से शुरू हुआ है वह वापस उस दौर में पहुंच जाएगा, जब राम मनोहर लोहिया पंडित नेहरू की मुखर आलोचना करते थे और यह भी कहते थे कि इस दुनिया में नेहरू से ज़्यादा उनका ख़्याल और कोई नहीं रख सकता. लोकतंत्र के इस नए क़दम की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

फ़ोटो: गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर

Tags: assessmentcongress presidentdemocratic congresselection of presidentNewsअध्यक्ष का चुनावआकलनकांग्रेस अध्यक्षख़बरेंलोकतांत्रिक कांग्रेस
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

abul-kalam-azad
ओए हीरो

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
dil-ka-deep
कविताएं

दिल में और तो क्या रक्खा है: नासिर काज़मी की ग़ज़ल

June 3, 2025
badruddin-taiyabji
ओए हीरो

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.