• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
March 20, 2023
in ज़रूर पढ़ें, नई कहानियां, बुक क्लब
A A
फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)
Share on FacebookShare on Twitter

कई बार जीवन में हमें जिससे प्यार होता है, हम उसके नहीं हो पाते या वो हमारा नहीं हो पाता. परिस्थितयों के चलते ऐसा हो जाने पर इन बातों से पार पा कर आगे बढ़ जाना ही जीवन है. पर कभी-कभी अतीत में गोते लगा कर अपने पहले प्यार को याद कर लेना बुरा भी नहीं है. इस कहानी का भाव भी कुछ ऐसा ही है!

वन्या अपनी खिड़की पर खड़ी हुई सामने वाले फ़्लैट की बालकनी पर नज़रें जमाए हुए थी. यह फ़्लैट कई महीनों से सूना पड़ा हुआ था. कल शाम को सामान उतरते देख उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी. कोई भी आए, सन्नाटा तो टूटेगा… महानगरों का यह अकेलापन कई बार उसे उदासी से भर देता था.

तभी उसने नाइटसूट पहने हुए एक लगभग 40 वर्षीय गेंहुए रंग के, शरीर से हृष्टपुष्ट और आकर्षक व्यक्ति को गमले रखते हुए देखा तो उसकी नज़रें ठहर कर रह गईं थीं कि इनकी पत्नी जरूर उनकी समवयस्क होगी. चलो अपनी किटी में शामिल कर लूंगी, वह मन ही मन कल्पना कर ही रही थी कि 20-22 साल की तरुणी, जिसने शार्ट्स पहने हुए थे और जिसके हाथों में चूड़े थे, पति की बाहों में वल्लरी की भांति झूल गई थी. उसे समझ आ गया था कि अभी इस नये नवेले जोड़े का मधुमास चल रहा है. उन दोनों का हंसना, खिलखिलाना उनके मन को गुदगुदा भी रहा था, लेकिन इस व्यक्ति को देखते ही वह अपने अतीत के पन्नों में बंद पहले प्यार की यादों में भी तो खो गई थी…

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

वन्या ने अपनी पहली नौकरी जॉइन ही की थी. उसे फ़ाइल में बॉस से साइन करवाना था, लेकिन कैबिन के अंदर जाने से उसे डर लग रहा था. वजह ये थी कि बॉस से वह पहली बार मिलने वाली थी. वह घबराई हुई आवाज़ में बोली, ”मे आई कम इन सर?’’

“यस…” कहते हुए जयवर्धन ने लैपटॉप से सिर उठाया.

जय के आकर्षक चेहरे को देखते ही वन्या तो जैसे स्वयं को ही भूल बैठी थी, अपलक हो कर उसकी नज़रें जैसे उनके चेहरे पर ठहर कर रह गई थीं. एसी के ठंडे माहौल में भी उसके माथे पर पसीने की बूंदें चुहचुहा उठी थीं.

जय ने पानी का ग्लास उठा कर उसकी ओर बढ़ाया तो वह होश में आई थी और उसने पूरा ग्लास एक सांस में ही ख़ाली कर दिया था.

“इज़ एवरीथिंग ऑलराइट?’’

‘‘यस,’’ वह हकलाते हुए बोली थी.

किसी को एक नज़र देख लेने भर ही क्या प्यार हो सकता है? उनके चेहरे से उसकी नज़र ही नहीं हट रही थी. कितनी सुखद अनुभूति होती है यह… प्यार का एहसास उसे आज पहली बार हुआ था.

वन्या ने अपनी फ़ाइल उनके सामने रख दी थी. उन्होंने सरसरी नज़रों से देखा और बोले, “एक्सेलेंट!”
“पहले कहीं काम कर चुकी हो?”
“नो..”

बॉस के नाम पर 50 वर्ष के खड़ूस गंजे बॉस की इमेज उसके मन में थी, लेकिन यहां तो हैंडसम 35-36 साल की आकर्षक, चार्मिंग पर्सनैलिटी को देखते ही उसके दिल में कुछ कुछ होने लगा था… शायद, लव ऐट फर्स्ट साइट.

वह उसके बॉस थे, काम के सिलसिले में रोज़ ही मिलना-जुलना, थोड़ी बहुत बातचीत नॉर्मल सी बात थी. जब सुबह वह उसकी ओर देख कर मुस्कुराते हुए, “गुडमॉर्निंग एवरीबडी“ कहते तो उसी पल उसका दिन ही बन जाता था… वह उन्हें गुलाब देती, जिसे वह हाथ में लेने के बाद टेबल पर रख देते. वह मौक़ा मिलते ही गुलाब उठा लाती थी और उसे चुपके से अपने होठों से लगा कर उनके चुंबन की कल्पना में खो जाती… तो कभी सीने से लगा कर आलिंगन की ख्वाहिश करती. उनकी आहट से ही उसके दिल की धड़कनें बढ़ जातीं, उसकी सांसें ऊपर-नीचे होने लगतीं.

आख़िर एक दिन उसकी यह चोरी उसकी फ्रेंड ने जैसे पकड़ ही ली थी.
गार्गी ने कहा, ”पागल हो गई है क्या? तू 20 की और वह 40 के… “
उसके पास कोई जवाब न था, पर सच्चाई सुनते ही उसकी आवाज़ लड़खड़ा गई और आंसू उमड़ने को हो आए, पर प्रत्यक्ष में वह बोली, ‘‘अरे कुछ भी…’’
पर वह जानती थी कि जय सर के लिए उसकी दीवानगी सिर चढ़ कर बोल रही थी. उसका दिल कहता कि वह चीख़-चीख़ कर सबके सामने कह दे, ”सर, आई लव यू“

अब वह रोज़ ख़ूब सज-धज कर ऑफ़िस आती और किसी न किसी बहाने से बार-बार उनके केबिन में जाया करती. उनके चेहरे को एकटक देखा करती, जब उनसे नज़रें मिल जातीं तो वह निगाहें फेर कर कहते, “वन्या अपना काम ध्यान से किया करो. आजकल तुम बहुत ग़लतियां कर रही हो.“

परंतु उस पर तो इश्क़ का भूत सवार था. सैलरी मिली तो वह जय सर के लिए एक मंहगा वाला पेन लेकर आई और जब अगले दिन वह जेब में वही पेन लगा कर आए तो उसे यह एहसास हुआ कि मानो उन्होंने उसे ही अपने सीने से लगा लिया हो. इस सुखद अनुभूति का एहसास करके वह स्वयं ही शर्मा कर मुस्कुरा उठी थी.

लगभग छह महीने से वह उनके प्यार के नशे में डूबी हुई थी. उसे लगा कि अब लुकाछिपी के स्थान पर उसे मुखर होना ही होगा. उसने ऐसा सोचा और सारी रात जाग कर प्यार में डूबे शब्दों को चुन-चुन कर उसने प्रेमपत्र लिख कर उस पर अपने चुंबन की छाप सजा दी और उसे अपने पर्स में रख लिया. गोल्डन बॉर्डर की पिंक साड़ी और उस पर मैचिंग ज्वेलरी में सज-धज कर, आईने में अपने को बार बार हर ऐंगल से देखने के बाद उमंग से आह्लादित हुई ऑफ़िस आई.

उस दिन जय सर के कैबिन के पास उसने अच्छी-ख़ासी चहल-पहल देखी, लेकिन उसकी निगाहें तो अपने प्रियतम की एक झलक पाने को तड़प रहीं थीं. उसने अपने प्रियतम के लिए लिखी हुई पाती को कम से कम 100 बार तो पढ़ा ही होगा. आख़िर वह आज अपने प्यार का इज़हार करने जा रही थी. उसका चेहरा लाज से सुर्ख लाल हो रहा था. जय सर दिखे भी तो वह कई लोगों से घिरे हुए थे.

तभी कमल सर के शब्द उसके कानों में पिघले शीशे से सुनाई पड़े, “जय ऐसे कैसे मान लें कि तुम्हारी सगाई हो गई? कुछ मिठाई-विठाई तो खिलाओ और वैसे तो हम लोगों को पार्टी चाहिए…”

यह सुनते ही जैसे वह होश खो बैठी थी उसकी आंखों से अविरल आंश्रुधारा बह निकली. जैसे ही उस पर जय सर की नज़र जैसे ही पड़ी, वह तेज़ी से बाहर निकल कर उसकी ओर आए. तब तक उसने पत्र को गुडी-मुड़ी कर वहीं पास रखे डस्टबिन में फेंक दिया. लेकिन उसने उन्हें वह लेटर उठाते हुए देख लिया था. वह तेज़ी से क़दम बढ़ाती हुई गेट से बाहर निकल आई.

घर पहुंच कर वह वह फूट-फूट कर बहुत देर तक रोती रही थी. तभी कुछ देर बाद मोबाइल पर जय सर का मैसेज चमका… ‘ऐ दोस्त, मिलने की उम्मीद तो नहीं है तुमसे, लेकिन कैसे कह दूं, इंतज़ार नहीं है… ‘

‘‘मैडम कॉफ़ी…’’
रोहन की आवाज़ से उसकी तंद्रा भंग हुई और वह वर्तमान नें लौट आई थी. अपने पति के हाथ से कॉफ़ी का मग लेते हुए, वह प्यार से मुस्कुरा उठी.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

 

Tags: Fiction AflatoonKahani PratiyogitaLekin kaise kah doon Intzaar nahiPadma Agrawalstory competitionstory competition 2023कहानी प्रतियोगिताकहानी प्रतियोगिता 2023पद्मा अग्रवालफिक्शन अफलातूनलेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.