चौक: आलोक धन्वा की कविता
स्त्रियां हमारे समाज को इंसानी अच्छाई का पाठ पढ़ानेवाली पहली गुरु होती हैं. आलोक धन्वा की कविता चौक इस सच्चाई...
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स्त्रियां हमारे समाज को इंसानी अच्छाई का पाठ पढ़ानेवाली पहली गुरु होती हैं. आलोक धन्वा की कविता चौक इस सच्चाई...
मेकअप पसंद करने वाली लड़कियां, युवतियां और महिलाएं ये बात बख़ूबी जानती हैं कि सही फ़ाउंडेशन मेकअप को कितना ख़ूबसूरत...
कई बार हम अपनी ग़लती को इतनी बार जस्टिफ़ाई करने की कोशिश करते हैं कि ख़ुद को सही समझने की...
आचार्य चतुरसेन का प्रसिद्ध उपन्यास है वैशाली की नगरवधु. कहानी ‘अम्बपालिका’ उसी उपन्यास का सारांश है. पढ़ें कैसे अम्बपालिका नामक...
जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य की तुलना सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ने एक किसान से की है. रूपकों के इस्तेमाल...
यूं तो कहने को यह धरती सबकी है, पर इंसान अपने छल कपट से इसके शासक बन बैठे हैं. कमलेश्वर...
किसी का आना हमारे जीवन को किस क़दर ख़ुशियों से भर देता है, उज्जैन की स्वप्ना मित्तल की यह प्रेम...
ग़रीबी और अज्ञानता किसी के साथ कैसा मज़ाक कर सकती है, सुदर्शन की कहानी ‘एक ग़रीब की आत्मकथा’ हर्फ़ दर...
नदी और पुल के अनूठे रिश्ते को परिभाषित करती अरुण चन्द्र रॉय की कविताएं. 1 नदी और पुल के बीच...
शादीशुदा आदमी के दो चेहरे होते हैं. पहला-जब वह होशोहवाश में होता है और उसका दूसरा चेहरा तब दिखता है,...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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