किसी को दिल की गहन परतों से चाहना और उसके बाद उसकी प्राथमिकताओं में ख़ुद को कहीं न देख पाना,...
अमूमन खानपान, रहन-सहन, तीज त्यौहार, शादी-ब्याह के तौर-तरीक़ों, धर्म और धार्मिक कर्मकांड के सम्मिलित रूप को संस्कृति कहते हैं. लेकिन...
इसी साल संसद के विशेष सत्र के दौरान भारतीय संसद ने लोकसभा और राज्यों की विधानसभा में एक तिहाई सीटें...
हम जीवन की सांझ को सुहाना बनाने की चाहे कितनी ही प्लानिंग कर लें, पर नियति पर किसी का वश...
एआइ से जुड़ी बातों को समझने के लिए अशफ़ाक अहमद के नज़रिए के पहले दो आलेखों में हमने जाना कि...
कहते हैं फ़ैसले लेते समय शांत दिमाग़ का होना बहुत ज़रूरी है. पर हमारे अपने लेखक-चिकित्सक डॉ अबरार मुल्तानी की...
आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस यानी एआइ के बारे में हमें हॉलिवुड की साइंस फ़िक्शन फ़िल्में तब से चेताती रही हैं, जबकि एआइ...
आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस यानी एआइ के बारे में हमें साइंस फ़िक्शन फ़िल्मों ने तब से आगाह कर रखा है, जबकि एआइ...
कटी हुई पतंग, आसमान से गिरते हुए अपने साथ कई कहानियां साथ लाती है. एक पतंगवाले बूढ़े की कहानी की...
हिंदी साहित्य के चार स्तंभ सुमित्रानंदन पंत, जय शंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कहलाते हैं. हिंदी साहित्य...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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