• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

पेरिमेनोपॉज़ को जानें, ताकि आप यह समय आसानी से निकाल सकें

मेनोपॉज़ से पहले का समय और उसकी समस्याओं से उबरने के तरीक़े

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
September 1, 2022
in ज़रूर पढ़ें, फ़िटनेस, हेल्थ
A A
perimenopaus
Share on FacebookShare on Twitter

पेरिमेनोपॉज़ उस समय को कहा जाता है, जब किसी महिला में मेनोपॉज़ से जुड़ा बदलाव शुरू होता है. अमूमन यह महिलाओं में उम्र के चौथे दशक में शुरू होता है, लेकिन बदलती लाइफ़स्टाइल या अन्य कारणों के चलते यह जल्दी भी शुरू हो सकता है. इस दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याएं महसूस होती है. यहां हम इसी बारे में बात कर रहे हैं कि पेरिमेनोपॉज़ के दौरान महिलाओं को क्या समस्याएं होती हैं और इनसे पार पाने के लिए क्या किया जा सकता है.

 

मेनोपॉज़ का अर्थ है महिलाओं पीरियड्स का बंद होना. पर पीरियड्स का आना अचानक ही बंद नहीं हो जाता. पेरिमेनोपॉज़ उस समय को कहा जाता है, जब मेनोपॉज़ के लिए महिलाओं का शरीर ख़ुद को तैयार कर रहा होता है. यह वह समय है, जब ओवरीज़ धीरे-धीरे एस्ट्रोजेन का उत्पादन कम कर रही होती हैं. हालांकि यह प्रक्रिया महिलाओं में तब शुरू होती है, जब उनकी उम्र 40 या उससे अधिक होने लगे, लेकिन कई महिलाओं में यह उम्र के तीसरे दशक में भी शुरू हो जाता है.

मेनोपॉज़ से पहले- महिलाओं का शरीर जब ख़ुद को पीरियड्स को बंद करने के लिए तैयार करता है, वह समय पेरिमेनोपॉज़ कहलाता है. पेरिमेनोपॉज़ तब ख़त्म होता है, जब मेनोपॉज़ हो जाए यानी पीरियड्स का आना बंद हो जाए. इसका सीधा मतलब ये है कि ओवरीज़ एग्ज़ बनाना बंद कर दें. पेरिमेनोपॉज़ के आख़िरी एक या दो सालों में महिलाओं के भीतर एस्टोजेन नामक हॉर्मोन में तेज़ी से कमी होने लगती है. इस समय महिलाओं को कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं, जिन्हें मेनोपॉज़ का लक्षण कहा जाता है.

इन्हें भीपढ़ें

idris-hasan-latif

एयर चीफ़ मार्शल इदरीस हसन लतीफ़: भारतीय वायुसेना के एक प्रेरक नायक

June 5, 2025
यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

June 5, 2025
naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

June 4, 2025

कितना लंब होता है पेरिमेनोपॉज़ का समय- औसतन पेरिमेनोपॉज़ चार वर्ष तक चलता है, लेकिन हर महिला के लिए यह समय अलग भी हो सकता है. कुछ महिलाओं में यह केवल कुछ महीनों तक ही चलता है, जबकि कुछ में इसकी अवधि 10 वर्ष तक लंबी भी हो सकती है. पेरिमेनोपॉज़ल का अंत तब माना जाता है, जब 12 महीनों यानी सालभर की अवधि तक महिला को एक बार भी पीरियड न आए.

क्या हैं पेरिमेनोपॉज़ के संकेत- पेरिमेनोपॉज़ के कई संकेत हैं, जैसे- मूड स्विंग्स, हॉट फ़्लश, ब्रेस्ट का कोमल होना, प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम का बढ़ना, थकान, अनियमित पीरियड्स, नींद में कमी, वजाइनल ड्राइनेस, खांसते, छींकते या हंसते समय पेशाब निकल जाना, बार-बार पेशाब आना, पीरियड्स का लंबे समय तक चलना, ज़्यादा रक्तस्राव होना या थक्के आना, दो पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग होना, इंटरकोर्स के बाद स्पॉटिंग होना, दो पीरियड्स के बीच में अंतर कम हो जाना वगैरह पेरिमेनोपॉज़ के संकेत हैं.

पेरिमेनोपॉज़ के दौरान किन बातों का ध्यान रखें- सबसे पहले तो यह बात ध्यान में रखें कि यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और हर महिला इस दौर से गुज़रती है. अत: पेरिमेनोपॉज़ के दौरान जो समस्याएं आपको हो रही हैं, आपकी उम्र की हर महिला लगभग उन्हीं समस्याओं से गुज़र रही है. यदि वे इन समस्याओं से जीवटता से जूझ रही हैं तो आप भी ऐसा कर सकती हैं. यह सोच अपने आप में आपको संबल देगी. इसके अलावा इन बातों का ध्यान रखें:

  • पेरिमेनोपॉज़ के समय महिलाओं को अच्छी तरह नींद नहीं आती, जो उनके चिड़चिड़ेपन या थकान का कारण बनती है. जब लंबे समय तक ऐसा चलता है तो उन्हें लगता है, जैसे दिमाग़ में धुंध (ब्रेन फ़ॉग) छा गई हो. वे सामान्य बातों को भूलने लगती हैं. ऐसा शरीर में कम होते एस्ट्रोजेन के स्तर की वजह से होता है. आपको यह याद रखने की ज़रूरत है कि यह एक अस्थायी समस्या है, जो मेनोपॉज़ यानी पीरियड्स के बंद हो जाने पर ख़ुद ब ख़ुद ठीक हो जाती है.
  • पेरिमेनोपॉज़ वाले समय में आपको अपनी डायट पर ध्यान देना चाहिए और ताज़े फल व सब्ज़ियां अपनी डायट में शामिल करें, जंक फ़ूड खाने से बचें. कैल्शियम से भरपूर डायट लें. संतुलित आहार लें, ताकि आप अपने वज़न को नियंत्रित रख सकें.
  • इस दौरान शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें और तनाव व ब्रेन फ़ॉग से निपटने के लिए योग और प्राणायाम को दिनचर्या में शामिल करें. इससे आपको नींद भी अच्छी आएगी.
  • यदि आप धूम्रपान और ऐल्कहॉल का सेवन करती हों तो इसे बंद कर दें.
  • यदि आपको ज़्यादा समस्या हो रही हो तो आप डॉक्टर की सलाह लें. इस बदलाव के समय में अपनी शारीरिक और मानसिक सेहत का ख़्याल रखने के लिए वे आपको मल्टिविटामिन व अन्य दवाएं देंगे.

यह ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है- पेरिमेनोपॉज़ के दौरान कई महिलाओं को सेक्शुअल रिलेशन बनाने की इच्छा नहीं होती. इसके लिए भी डॉक्टर से सलाह ले कर दवाइयां ली जा सकती हैं. लेकिन यह याद रखें कि भले ही इस दौरान धीरे-धीरे आपकी फ़र्टिलिटी कम हो रही है, लेकिन तब भी आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं. अत: सेक्शुअल संबंध बनाते समय कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल ज़रूर करें.

फ़ोटो: फ्रीपिक

Tags: Menopause TransitionPerimenopauseSignsSymptomsWays to Get Reliefपेरिमेनोपॉज़मेनोपॉज़ ट्रांज़िशनराहत पाने के तरीक़ेलक्षणसंकेत
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

abul-kalam-azad
ओए हीरो

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
dil-ka-deep
कविताएं

दिल में और तो क्या रक्खा है: नासिर काज़मी की ग़ज़ल

June 3, 2025
badruddin-taiyabji
ओए हीरो

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.