डिज़्नी की फ़िल्म 101 डालमेशियन्स की वैम्प क्रुएला आपको याद है? उस क्रूर किरदार को लीड बनाकर डिज़्नी की एक फ़िल्म आई है ‘क्रुएला’. क्या पुरानी स्टोरी लाइन के साथ रीमेक बनाने वाले डिज़्नी ने इस बार कुछ अलग किया है? आइए जानते हैं.
फ़िल्म: क्रुएला
ओटीटी प्लैटफ़ॉर्म: डिज़्नी हॉटस्टार
सितारे: एमा स्टोन, एमा थॉम्पसन, जोइल फ्रे, पॉल वॉल्टर हाउसर, एमिली बीकेम, किर्बी हॉवेल बैपटिस्ट, मार्क स्ट़ॉन्ग और अन्य
डायरेक्टर: क्रेग गिलेस्पी
स्क्रीनप्ले: डाना फ़ॉक्स और टॉनी मैक्नामारा
रन टाइम: 134 मिनट
रेटिंग: 4/5 स्टार
डिज़्नी को अपनी पॉप्युलर फ़िल्मों के रीमेक के लिए जाना जाता है. कई फ़िल्मों को तो कई-कई बार बनाकर डिज़्नी निहायत ही बोर करता है. अमूमन डिज़्नी की रीमेक्स की स्टोरी लाइन में बेहद मामूली बदलावों के अलावा बाक़ी सबकुछ पहले जैसा ही होता है. बेशक, कलाकार अलग होते हैं. डिज़्नी ने जब क्रुएला नाम की फ़िल्म बनाने की घोषणा की तो ज़ाहिर है हमारे दिमाग़ में वर्ष 1996 की फ़िल्म 101 डालमेशियन्स के रीमेक की बात आई, जिसमें लंदन की एक सनकी डिज़ाइनर क्रुएला डि’विल अपने एक एम्प्लॉयी के डालमेशियन (सफ़ेद कुत्तों की एक प्रजाति जिनपर काले रंग के डॉट्स होते हैं) चुराकर उनके फ़र से कपड़े डिज़ाइन करना चाहती है. काले-सफ़ेद बालों वाली वह वैम्प बेहद क्रूर और डरावनी है. क्रेग गिलेस्पी के निर्देशन में बनी फ़िल्म क्रुएला में इसी कहानी से मिलती-जुलती स्टोरीलाइन देखने की उम्मीद थी, पर इस बार डिज़्नी की नई प्रस्तुति सचमुच एक स्वीट सर्प्राइज़ की तरह रही. और फ़िल्म क्रुएला में एक बेहद रोचक, इंटेंस और एंगेजिंग नई स्टोरीलाइन देखने मिलती है.
डिज़्नी की पॉप्युलर वैम्प्स में से एक क्रुएला डि’विल का नया रूप हमें स्टेला मिलर के रूप में देखने मिलता है. जन्म से ही अजीबोग़रीब ढंग के काले-सफ़ेद बालों वाली स्टेला अपनी सिंगल मां कैथरीन (एमिली बीकेम) के साथ इंग्लैंड के किसी क़स्बे में रहती है. कैथरीन अपनी बच्ची के ग़ुस्सैल स्वभाव को क़ाबू रखने की काफ़ी कोशिश करती है. स्टेला भी मां की बात मानकर अपने ग़ुस्से को कंट्रोल करती है. पर स्कूल में उसे दूसरे बच्चे परेशान करते हैं और अंतत: स्टेला भी उनके साथ लड़ाइयों में उलझती रहती है. लड़ाइयां इतनी बढ़ती हैं कि उसे स्कूल से निकालने तक की नौबत आ जाती है. कैथरीन अपनी बच्ची को लेकर लंदन आती है. लंदन में वह बच्ची की परवरिश के लिए आर्थिक मदद लेने एक बड़े से मैंशन जाती है. जहां स्टेला की ग़लती से मैंशन के डालमेशियन कुत्ते उसकी मां पर हमला कर देते हैं और कैथरीन की मौत हो जाती है. अनाथ हो चुकी स्टेला लंदन जैसे अजनबी शहर में अपने लिए रहने का ठिकाना तलाशती है. एक पार्क में उसकी मुलाक़ात उसी के तरह दो अनाथ बच्चों हॉरेस (पॉल वॉल्टर हाउसर) और जैस्पर (जोइल फ्रे) से होती है. उनके साथ रहते हुए स्टेला अपने बालों को रंग लेती है और छोटी-मोटी चोरियों में उनकी मदद करती है. पर न जाने कैसे उसका मन हमेशा फ़ैशन की दुनिया में भागता है.
आगे चलकर स्टेला (एमा स्टोन) लंदन की सबसे मशहूर फ़ैशन डिज़ाइनर बैरोनेस वोन हेलमैन (एमा थॉम्पसन) के यहां काम करना शुरू कर देती है. अपनी पसंद का काम पाकर स्टेला ख़ुश है, पर जल्द ही उसे क़ामयाब, क्रिएटिव, मशहूर और अमीर बैरोनेस के दूसरे चेहरे दिखने लगते हैं. उसकी ज़िंदगी तब पूरी तरह बदल जाती है, जब उसे पता चलता है कि उसकी मां कैथरीन की मौत में उसका नहीं बैरोनेस का हाथ है. वह बैरोनेस से बदला लेने के लिए स्टेला से क्रुएला बनती है. और शुरुआत होती है एक बेहद ही रोमांचक जंग की, जिसमें काफ़ी सारे ट्विस्ट ऐंड टर्न्स हैं.
इस फ़िल्म की मुख्य किरदार क्रुएला भले ही 101 डालमेशियन्स वाली वैम्प हो, पर स्टेला से क्रुएला बनने की उसकी कहानी पूरी तरह अलग है. इस अलग कहानी को और रोचक बनाती है दो मुख्य किरदारों क्रुएला (एमा स्टोन) और बैरोनेस (एमा थॉम्पसन) की आपसी भिड़ंत. दोनों ही कमाल की अभिनेत्रियां हैं और अपने लाजवाब अभिनय के लिए दोनों ही ऑस्कर अवॉर्ड्स जीत चुकी हैं. पर्दे पर जब दोनों एक साथ होती हैं तो उनकी जुगलबंदी कमाल की लगती है. दोनों ने अपने-अपने किरदारों में अद्भुत काम किया है. एक नकचढ़ी, घमंडी और हद दर्जे की आत्मकेंद्रित और स्वार्थी महिला के रूप में एमा थॉम्पसन ने बता दिया है कि अभिनय क्या होता है. वहीं उनकी तुलना में काफ़ी युवा एमा स्टोन भी सनकी और बदला लेने को उतारू लड़की के किरदार ख़ुद को आत्मसात कर लेती हैं. बाक़ी के कलाकार भी अपनी-अपनी भूमिकाओं में परफ़ेक्ट हैं.
फ़िल्म की कहानी के साथ-साथ स्क्रीनप्ले पर भी काफ़ी मेहनत की गई है, जो इसे रोचक बनाता है. कहानी उतनी भी कॉम्प्लिकेटेड नहीं है, जितनी नफ़ासत से गढ़े गए स्क्रीनप्ले के कारण बन गई है. 1960 और ’70 के दशक को दिखाने के लिए काफ़ी मेहनत की गई है, ख़ासकर किरदारों के कॉस्ट्यूम पर काफ़ी काम किया गया है. चूंकि दोनों मुख्य किरदार फ़ैशन जगत से हैं और उनके बीच ख़ुद को बेहतर दिखाने की जंग लड़ी जाती है तो दो बार की ऑस्कर विजेता कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर जेनी बेवन के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य था, जिसे उन्हें बख़ूबी पूरा कर दिखाया है. कुल मिलाकर क्रुएला एक मज़ेदार और एंगेजिंग फ़िल्म है. और एक मशहूर वैम्प से आपको सहानुभूति भी होने लगती है. अगर 101 डालमेशियन्स आपके बचपन की अच्छी यादों में है तो आपको उस फ़िल्म की वैम्प को एक अलग नज़रिए से देखकर आपको यक़ीनन अच्छा लगेगा.
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