स्वाद अजीब शय है. ये आपसे आपका धर्म, बोली, भाषा, रंग, राष्ट्रीयता कुछ नहीं पूछता और आप भी इसी स्वाद के दम पर दुनिया की किसी भी रेसिपी को अपने हिसाब से बदल लेते हैं. है ना सही बात? तो आज बात करेंगे मेक्सिकन स्वाद की, मेक्सिकन बरीटो की.
जब से दुनिया ग्लोबल विलेज बनती जा रही है, हमारे व्यंजन भी एक-दूसरे में घुलते मिलते जा रहे हैं. किसी दूसरे देश के व्यंजन को पसंद करना या उसे अपने स्वाद के हिसाब से फेर-बदल करते हुए अपना लेना बड़ा मज़ेदार है.
चाइनीज़ फ़ूड के साथ हम भारतीयों ने जो किया है, वो सबसे बड़ा उदाहरण है फेर-बदल का. असली वाला चाइनीज़ खाना, आम भारतीयों के बस की बात नहीं है, पर उसका जो इंडो-चाइनीज़ रूप भारत में प्रचलित हुआ है, वो तो आम भारतीय खानपान का हिस्सा बन गया है.
आजकल आपने कई लोगों को मेक्सिकन फ़ूड खाते, बनाते या उसके बारे में बातें करते सुना होगा, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि मेक्सिकन खाना अपने मूल रूप में भी भारतीय लोगों द्वारा पसंद किया जाता है और कुछ मामूली फेर-बदल के साथ भी ये बेहतरीन होता है. हालांकि मेक्सिकन फ़ूड में मसालों के फ़्लेवर नहीं होते, इनमें खाने को तीखा करने करने के लिए बस मिर्च का ही इस्तेमाल होता है, पर इसको बनाने में जो सामग्री प्रयोग में ली जाती है, उसके अपने अलग फ़्लेवर्स होते हैं.
आज हम मेक्सिकन बरीतो बोल की बात करेंगे. ये कई तरह की सामग्री से मिलकर बना होता है. मूलतः नॉनवेज के रूप में बनाई जाने वाली इस डिश का वेज वर्शन भी उतना ही लोकप्रिय है.
बरीतो रैप और बरीतो बोल: बरीतो, अमेरिका में लगभग वर्ष 1950 के आसपास आया और आते ही ये अमेरिकी बाज़ारों पर छा गया. इसके दो रूप देखने मिलते हैं: एक बरितो, जो दिखने मेंकुछ भारतीय काठी रोल या फ्रेंकी जैसा, पर स्वाद और सामग्री काफ़ी अलग होता है और दूसरा बरितो बोल. और ये दोनों ही काफ़ी प्रचलित हैं. इतने कि यहां तक कहा जाता है कि मेक्सिको के टाको और बरीतो, मेक्सिको से ज़्यादा अमेरिका में पसंद किए जाते हैं.
अमेरिका में पहले-पहल ये बरीतो रैप के रूप में ही मिलता था. भागमभाग वाली जीवनशैली के साथ, पौष्टिक भोजन की चाह रखने वालों ने इसे हाथोंहाथ लिया और ये सारे अमेरिका में फैल गया. जगह-जगह ऐसे फ़ूड जॉइंट खुल गए, जहां अमरीकी स्टाइल का बरीतो बोल और बरितो रैप मिलता था.
क़िस्सा बरीतो बोल का: इसके पीछे भी बड़ा मज़ेदार क़िस्सा है. कहते हैं मेक्सिको में एक वेंडर था जो अपना खाना (बेचने के लिए) एक गधे पर लेकर जाता था. ये खाना बिखरे न इसलिए उसने इसे कॉर्न की बड़ी-सी रोटियों में पैक करना शुरू किया और इस तरह बरीतो का जन्म हुआ. वैसे मेक्सिको में बरो गधे को कहा जाता है तो कुछ लोग इसके नाम बरीतो का संबंध वेंडर के गधे पर खाना ले जाने से भी लगाते हैं.
बरीतो बोल की विशेषता ये है कि ये बहुत हेल्थी होता है और इसे हेल्थी बनाती है इसको बनाने में प्रयोग में ली जाने वाली सामग्री. ब्लैक बीन (भारत मे लोग राजमा भी प्रयोग करते हैं)-प्रोटीन, चावल-फ़ैट, टोमैटो सालसा, ग्वाकामोली (ऐवोकाडो-गुड फ़ैट), कॉर्न सालसा, चीज़, लेट्यूस, दही और भी तरह-तरह डिप/सॉस. और आप अपनी मर्ज़ी और स्वाद के हिसाब से इसमें सलाद जोड़ सकते हैं और ये स्वास्थ्य से भरे फ़ुल मील की तरह सामने आता है.
इसे बनाने में बहुत ज़्यादा वक़्त भी नहीं लगता और कुछ चीज़ें पहले से बनाकर फ्रिज में रखी भी जा सकती हैं. मैं अपने घर मे इसे थोड़े फेर-बदल के साथ बनाती हूं. यूं समझिए कि इंडियन स्टाइल का बरितो बोल, जैसे-ब्लैक बीन को उबालने के बाद थोड़ा लहसुन-टमाटर और हरी मिर्च से तड़का दे दिया (ओरिजिनली इसे बस उबाला जाता और नमक मिलाया जाता है) या ग्वाकामोली (ऐवोकाडो की चटनी) में थोड़े भारतीय मसाले भी मिला लिए. ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे बदलाव इसके स्वाद को भारतीय स्वाद से ऐड्जस्ट करने के लिए कर देती हूं.
जब ज़रा जल्दी हो और हेल्थी और टेस्टी खाने का मन करे तो इसे ज़रूर ट्राइ किया जा सकता है.
इसकी रेसिपी आपको आसानी से इंटरनेट पर मिल जाएगी. तो जल्द ही बनाइएगा इसे घर पर और हमें भी बताइएगा कि यह कैसा लगा आपको? इस आई डी पर: [email protected]
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट