यह बात अपनी जगह सच है कि इस दुनिया में पैसा सबकुछ नहीं है, लेकिन यह बात भी उतनी ही सच है कि पैसे के बिना ज़िंदगी में गुज़र-बसर करना बहुत कठिन होता है. और तब क्या हो, जब रिश्तों के उधार मांगने या देने के रूप में आ कर, ये पैसे रिश्तों में खटास लाने का काम करें? पैसों की खटपट में रिश्तों को न खोएं, क्योंकि पैसों का मोल होता है, लेकिन रिश्ते तो अनमोल होते हैं. यहां जानें कि क्या किया जा सकता है, जब पैसे रिश्तों के बीच आने लगें.
आप अपने आसपास ही नज़र डालें तो पाएंगे कि दोस्ती के कई रिश्तों को पैसों के लेन-देन ने तबाह किया है, भाई-भाई या भाई–बहनों के बीच भी पैसों को ले कर विवाद होते हैं और इन दिनों कामकाजी पति-पत्नी के बीच भी पैसों से जुड़े विवाद रिश्तों में खटास ला रहे हैं.
आप चाहे इस बात से सहमत हों या नहीं, लेकिन इससे यह सच्चाई नहीं बदल सकती कि पैसे रिश्तों को प्रभावित करते हैं, उन्हें बनाने या बिगाड़ने का कारण बन सकते हैं. पैसों और रिश्तों से जुड़ी हर स्थिति के बारे में तो हम आपको गाइड नहीं कर सकते हैं, लेकिन यह ज़रूर बता सकते हैं कि पैसों को लेकर रिश्तों में बन रही उस अप्रिय स्थिति से आप कैसे बच सकते/सकती हैं, जहां आपको किसी से या किसी को आपसे पैसे उधार लेने की ज़रूरत आन पड़े.
बातचीत स्पष्ट रखें
पैसों का लेन-देन चाहे आप अपने दोस्त के साथ करें, भाई-बहनों के साथ या अपने पार्टनर के साथ आपको खुल कर बात करनी चाहिए. इस बातचीत की शुरुआत उन्हें या आपको पैसे की ज़रूरत क्यों है, उसे लौटाने की क्या योजना है और यदि कभी न लौटाया जा सके तो उस स्थिति में कहीं आपके संबंधों पर असर तो नहीं आएगा… ये सभी बातें आपको व्यावहारिकता के साथ करनी चाहिए.
यदि आप किसी को पैसे दे रहे हैं तो जब आप उनसे पैसे लौटाने के बारे में बात कर रहे हों, तब यह बताना न भूलें कि आपके लिए रिश्ते की कितनी अहमियत है, लेकिन ये पैसे आपकी गाढ़ी कमाई के हैं और आप इन्हें किसी समय पर वापस लेना चाहेंगे. जब आप इन्हें वापस मांगें तो रिश्तों पर कोई आंच न आए, यह बात भी पहले ही कह देनी होगी.
वहीं यदि आप उस छोर पर हैं, जहां आप उधार मांग रहे हैं तो प्रैक्टिकल रहते हुए केवल उतने ही पैसे मांगे, जिन्हें आप लौटा सकते हों. इस बारे में अपनी तरफ़ से पहल करें कि आप पैसों को कब और कैसे लौटा सकेंगे/सकेंगी. अन्यथा आप रिश्ते से हाथ धो बैठेंगे.
कैसे भरें हामी
यदि आप ऊपर बताए गए दोस्ती, भाई, बहन जैसे रिश्तों को बनाए रखना चाहते हैं तो पैसे देते समय इसके लिए हामी भरने के लिए कुछ समय की मांग कर सकते हैं. लेकिन यदि आपने हामी भर दी है तो आप तुरंत ही पैसे दे दें, क्योंकि पैसे मांगने वाले दोस्त या रिश्तेदार भी पैसे मांगते वक़्त बहुत संकोच में होते हैं और बेइंतहां ज़रूरत होने पर ही किसी से पैसे मांगते हैं. किसी से पैसे मांगना जैसे आपको बुरा लगता है, ऐसे सभी समझदार लोगों को बुरा ही लगता है.
पैसे देने की हामी भरने के बाद या फिर पैसे दे देने के बाद आपकी ओर से आपके बरताव या स्नेह में कोई बदलाव या कमी कभी नहीं आनी चाहिए. जिन्हें पैसे दिए गए हैं, उनसे बातचीत के दौरान इस बात की धौंस कभी न जमाएं कि आपने उन्हें पैसे दिए हैं.
हां, यदि उधार चुकाने का समय क़रीब आ रहा हो तो आप उन्हें इसके बारे में विनम्रता से याद दिला सकते हैं और बता सकते हैं कि अब आपको उन पैसों की ज़रूरत है.
कैसे करें मना
यदि आपसे जिन्होंने पैसे मांगे हैं, उन रिश्तेदार या दोस्त का यह रिकॉर्ड रहा है कि वे पैसे ले तो लेते हैं, लेकिन चुकाने में आनाकानी करते हैं तो बावजूद इसके कि वे आपके कितने भी क़रीबी क्यों न हों, हम इस बात की सलाह नहीं देंगे कि आप उन्हें उधार पैसे दें.
मना करने वाली स्थिति रिश्तों के लिए मुश्क़िल तो होती है, लेकिन इस स्थिति में भी रिश्तों को बचाए रखना संभव है. इसके लिए आपको बेहद विनम्रता से और सावधानी बरतते हुए उन्हें मना करना होगा. पहले तो आप उनसे सोचने का समय मांग सकते/सकती हैं. फिर आपको इस बात का अभ्यास करना होगा कि आप उन्हें मना कैसे करेंगे/करेंगी.
मना करने का सबसे अच्छा तरीक़ा यह होगा कि आप अपना कोई ज़रूरी और बड़ा काम बताएं, जिसके लिए आपको पैसे ख़र्चने हों. या फिर विनम्र शब्दों और मीठे लहजे में उन्हें वह सच बता दें कि आप उन्हें पैसे देने से इसलिए डर रहे/रही हैं कि वे इसे सही समय पर वापस कर सकेंगे या नहीं. यदि वे बेहद ज़ोर डालते/डालती हैं और पैसे देना चाहते/चाहती हैं तो आप उन्हें पेपर वर्क के लिए तैयार कर सकते हैं. यदि आप उन्हें उधार बिल्कुल नहीं देना चाहते तो विनम्रता से मना कर देना ही सही होगा.
फ़ोटो : फ्रीपिक