• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ओए हीरो

कोरोना ने सिखाया हर रिश्ते को निभाते हुए, थोड़ी दूरी भी ज़रूरी है!

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
July 4, 2021
in ओए हीरो, मेरी डायरी
A A
कोरोना ने सिखाया हर रिश्ते को निभाते हुए, थोड़ी दूरी भी ज़रूरी है!
Share on FacebookShare on Twitter

कहते हैं बुरे वक़्त से बेहतर कोई दूसरा शिक्षक नहीं होता. हम सभी अपने जीवन के सबसे कठिन वक़्त से गुज़र रहे हैं. जी हां, महामारी के इस दौर ने हमें ज़िंदगी के कई ऐसे लेसन सिखाए हैं, जो ज़िंदा रहने के लिए बहुत ज़रूरी हैं. कोटा, राजस्थान की मीनाक्षी विजय ने हमें वह सब बताया, जो इस दौरान ज़िंदगी ने उन्हें सिखाया.

कोरोना के बारे में हम और आप कितना ही कुछ सुन चुके हैं, पर जब तक ख़ुद आप पर यह बीतता नहीं है, आप समझ नहीं पाते कि यह वास्तव में क्या चीज़ है. कोरोना वायरस का पहाड़ लगभग सब पर टूटा. जब यह अपना रौद्र रूप दिखा रहा था तभी मेरे अपने मुझे अपना असली रंग दिखा रहे थे. मेरे अपने कुछ ख़ास रिश्तों की महक आना तभी से बंद हो गई जब कोरोना के शुरुआती लक्षण गंध ना आना मुझे महसूस हुआ. सामान्य लक्षणों के साथ कोरोना की शुरुआत हुई थी. दो दिन बीते ही थे पिता की मृत्यु का समाचार आ गया, लगा कि पैरों के नीचे ना तो ज़मीन है ना सिर पर आसमान. अकेले एक कमरे में ख़ुद ही रोना है और ख़ुद ही को समझाना है, ख़ुद ही समझना है. जिन रिश्तों की, मेरे अपनों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत उस समय मुझे थी वही मुझे अनदेखा कर रहे थे. मैं ख़ुद को समझा रही थी कि कोरोना की वजह से कोई मुझे गले लगा कर नहीं समझा सकता, पर दो बोल सांत्वना के भी किसी ने ना कहे. शायद मन वो शब्द सुनना चाह रहे थे जिनसे मुझे रिश्ते की मज़बूती का पक्का विश्वास हो जाए, पर अफ़सोस यह भी नहीं हुआ. अगले दिन मुझे डॉक्टर के यहां ले जाया गया. मुझे मेरे अपनों ने बस इतना ही समझा, उन्होंने डॉक्टर से कहा कि बाक़ी सब ठीक है बस इसके पिता नहीं रहे, अब आप इस हिसाब से दवाई बताएं. उनका मतलब था नींद की दवाई.
मेरा रोना उनको सिर्फ़ सुनाई दे रहा था मेरा दु:ख किसी को समझ में नहीं आया. पिता की कही बात की तुम बहुत हिम्मत वाली हो बार-बार कानों में गूंजती, पर भगवान से मैं सवाल भी करती कि मेरे पापा को जो मुझ पर इतना विश्वास था, उसकी इतनी बड़ी परीक्षा क्यों लेनी है? नींद की दवाई लिखवा कर लाना और कर्तव्य का इतिश्री कर लेना… मेरे किसी ख़ास से मुझे ये उम्मीद नहीं थी और यह बात मुझे अंदर तक तोड़ गई. सिटी स्कैन के लिए जब पीपीई किट पहनाकर मशीन पर लेटाया जाने वाला था तो मेरा हाल रो रोकर बहुत बुरा हुआ हो चुका था. तब अंदर ले जाने वाला मेल नर्स मेरी स्थिति भांप चुका था कि मैं कितना डर रही हुई हूं. मैंने बड़ी मुश्क़िल से कांपते हाथों से किट पहना था. उसने मुझे कुर्सी पर बैठाया और सिर पर हाथ रखकर कहा,‘डरो नहीं सिस्टर, जब तक स्कैनिंग नहीं हो जाती मैं तुम्हारे साथ ही हूं.’ तब वह मुझे देवदूत ही लगा. धीरे-धीरे 14 दिनों का समय पूरा हुआ तो लगा कि आज मैं किसी अपने से गले मिलकर रो लूंगी पर अफ़सोस उसने मुझे गले लगाया पर मेरा मन हल्का करने के लिए नहीं. मेरे मन के भाव से किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ता. ख्वाहिशो ने मेरे मन के एहसासों को रौंद कर रख दिया.
14 दिनों में मैं रोज़ ही नया कुछ देख रही थी और नया कुछ समझ रही. रिश्तों की नींव थोड़ी-थोड़ी रोज़ कमज़ोर होती जा रही थी. पिता के 12 दिन और मेरे 14 दिनों की क्वारंटीन पीरियड ने सिखाया कि हर रिश्ते में एक तय दूरी रखना ही चाहिए. दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए. कोरोना ने अकेले रहना ही नहीं, अकेले जीना सिखा दिया. जान लिया मैंने कि जिन चेहरों को देखकर मेरी सुबह होती थी वह मुझे अदृश्य मास्कों से ढके नज़र आने लगे, उनका असली चेहरा तो अब मैंने कपड़े के मास्क लगे होने के बावजूद देख लिया था. कोरोना वायरस सिखा गया कि बचत क्यों ज़रूरी है, ख़ासकर जब जब महंगी दवाइयां और टेस्ट के बिल सामने आए. अब मैंने रिश्तों पर आंख बंद करके भरोसा करना छोड़ दिया है. जिस तरह हम चीज़ों को बाहर रख देते हैं, कुछ समय बाद ही अंदर लाते हैं बस उसी तरीक़े से रिश्तों को भी समय देना चाहिए, एकदम से अपनाना नहीं चाहिए. हर किसी से तय दूरी का फ़ासला और चेहरे पर नकाब कोरोना काल के लिए ही नहीं अब ज़िंदगी भर का नियम बना लिया मैंने.

Cover Photo: Abbat for Unsplash.com/ Used for Illustration purpose only

इन्हें भीपढ़ें

दाग़… नहीं बुलंद आवाज़ हूं मैं: स्वर्णकांता

दाग़… नहीं बुलंद आवाज़ हूं मैं: स्वर्णकांता

November 15, 2022
Salim-Ali_Birdman-of-india

जानें, भारत के पक्षी मित्र यानी बर्डमैन ऑफ़ इंडिया डॉ सलीम अली को

November 12, 2022
Dr-APJ-Abdul-Kalam

एपीजे अब्दुल कलाम: अगर सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो सबसे पहले सूरज की तरह तपना सीखो

October 15, 2022
celestial-union

उन्हें डर है कि प्रेमिल ईश्वर की कल्पना से ईश्वर का अस्तित्व ख़तरे में आ जाएगा!

September 3, 2022

Tags: Corona DiaryLesson I have learntLife lessonMy DiaryMy Storyआपबीतीकोरोना डायरीजीवन की सीखमेरी कहानीमेरी डायरीसबक जो मैंने सीखा
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

स्मृतियों के सागर से जानिए दिवंगत कवि डॉक्टर मोहन कुमार नागर को
ओए हीरो

स्मृतियों के सागर से जानिए दिवंगत कवि डॉक्टर मोहन कुमार नागर को

August 17, 2022
APJ-Abdul-Kalam_Quotes
ओए हीरो

असफलता के बिना सफलता का कोई वजूद नहीं है!

July 27, 2022
Internationa_Nelson-Mandela-Day
ओए हीरो

अफ्रीकी गांधी नेल्सन मंडेला को जीवन से मिले सबक, जो हमारे भी काम आएंगे

July 18, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist