यह बात तो हम सभी जानते हैं कि तनाव कई तरह की बीमारियों का कारण है. आज की व्यस्त लाइफ़स्टाइल में तनाव कम करना थोड़ा मुश्क़िल भले ही हो, लेकिन असंभव नहीं है. और यदि आप योग निद्रा का अभ्यास करें तो यह आसान भी है. योग निद्रा का अर्थ है स्वयं पर ध्यान देना, ख़ुद को सुनना. योग निद्रा मेडिटेशन का ही एक स्वरूप है, जो आपको शारीरिक व मानसिक दोनों ही स्तरों पर शांत महसूस करवाता है. इसके कई फ़ायदे हैं. आइए, इसके फ़ायदों के साथ-साथ यह भी जानते हैं कि इसे किया कैसे जाता है.
स्वयं को निर्देश देकर अपने शरीर और मन को विश्राम करवाना ही दरअसल योग निद्रा है. यह मेडिटेशन की एक ऐसी तकनीक है, जिसमें आपको अपनी चेतना के साथ ख़ुद को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक आराम देना सीखना होता है. यूं तो इसका तरीक़ा जानने के बाद आप योग निद्रा का अभ्यास ख़ुद भी कर सकते हैं, लेकिन यदि किसी के निर्देश सुनते हुए आप योग निद्रा में जाएं तो यह और भी आसान हो जाता है.
यूं तो योग निद्रा आपको शवासन की तरह लग सकता है, लेकिन शवासन और योगनिद्रा के बीच बड़ा अंतर है. शवासन में हम पीठ के बल लेटकर अपने शरीर को ढीला छोड़ देते हैं. सांसों के आते-जाते प्रवाह को सहजता से आने-जाने देते हैं और पांच से दस मिनट बाद आसान को समाप्त कर देते हैं. वहीं, योग निद्रा में हम अपने शरीर के हर अंग को एक तरह से स्कैन करते हैं, हर अंग पर ध्यान देते हैं और अपनी चेतना को भी कुछ समय तक शरीर के हर अंग पर स्थित करते हैं. यह कल्पना करते हैं कि उस अंग विशेष में यदि कोई रुकी हुई ऊर्जा है तो वह खुल रही है और हमारा हर अंग विश्राम यानी रिलैक्स की अवस्था में आ रहा है. योग निद्रा को लंबे समय तक किया जाता है. आपको बता दें कि एक घंटे तक योग निद्रा का अभ्यास करने से शरीर को उतने फ़ायदे पहुंचते हैं, जो हमारे शरीर को चार घंटे की नींद से पहुंचते हैं.
क्या हैं योग निद्रा के फ़ायदे?
योग निद्रा के सेहत के लिए एक नहीं कई-कई फ़ायदे हैं. यह हमारे शारीरिक व मानसिक तनाव को कम करता है. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है, हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, हमारी नींद की गुणवत्ता में इज़ाफ़ा करता है, हमारी याददाश्त को चाक-चौबंद बनाता है, हमारी सोच को सकारात्मक बनाता है, भावनात्मक घावों को पूरने में मदद करता है. कहने का अर्थ ये है कि योगनिद्रा का अभ्यास, सेहत के किसी गुलदस्ते की तरह है, जिससे आपको ढेर सारे लाभ मिलते हैं.
कब करें योग निद्रा का अभ्यास?
योग निद्रा को हम रोज़ाना के एक्सरसाइज़ रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं या फिर इसे रात को सोने जाने से पहले भी किया जा सकता है. जिस समय आपका पेट हल्का हो, यानी आपने कम से कम घंटेभर पहले तक कुछ न खाया हो, उस समय इसे करना और लाभदायक होगा. इस बात का ध्यान रखते हुए आप इसे दोपहर या शाम के वक़्त भी कर सकते हैं. आप चाहें तो नीचे बताए स्टेप्स को आज़माकर ख़ुद ही योन निद्रा का अभ्यास कर सकते हैं, इसे किसी योग शिक्षक से सीखकर भी किया जा सकता है. आपको ऑनलाइन भी कई वीडियो और ऑडियो मिल जाएंगे जो आपको योग निद्रा का अभ्यास करने में मदद करेंगे.
कैसे करें योग निद्रा का अभ्यास?
योग निद्रा के अभ्यास के लिए आप एक ऐसा कमरा चुनें, जहां पर्याप्त मात्रा में हवा का आवागमन होता हो. ऐसा समय चुनें, जब आपका पेट हल्का हो और आपको कुछ समय तक कोई डिस्टर्ब न करने वाला हो. ऐसी पोशाक का चयन करें, जो आरामदेह हो. आप इसे योग मैट पर या फिर अपने बिस्तर पर भी कर सकते हैं. तो आइए, अब जानते हैं इसके अभ्यास का स्टेप बाइ स्टेप तरीक़ा:
1. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं. यदि चाहें तो सपोर्ट के लिए अपनी गर्दन के नीचे एक पतला तकिया और घुटनों के नीचे भी लगा लें. आपके हाथ ज़मीन पर हों और हथेलियां आसमान की ओर हों.
2. अब अपनी आंखें बंद कर लें और सामान्य ढंग से सांस लें व छोड़ें. कुछ देर बाद लंबी गहरी सांसे लें और छोड़ें. सांस लेते और छोड़ते समय अपनी नासिका के छिद्रों पर ध्यान केंद्रित करें. ख़ुद को योग निद्रा के अभ्यास के लिए सजग करें.
3. आपने स्कैनर तो देखा ही होगा. बिल्कुल उसी तरह अपने शरीर को स्कैन करें. कल्पना करें कि जिस तरह स्कैनर से कोई पेपर स्कैन होता है, उसी तरह आप अपने मन से अपने शरीर को स्कैन कर रहे हैं. इससे आपके शरीर में यदि कहीं ऊर्जा अवरुद्ध या ब्लॉक हो गई है तो वह रिलीज़ हो रही है. आपका अपने मन के भीतर यह महसूस करना है. स्कैनिंग की यह प्रक्रिया दो बार दोहराएं.
4. अब अपने ध्यान को अपने दाएं पैर पर ले जाएं. पैर को रिलैक्स होता हुआ महसूस करें. कुछ देर बाद अपने ध्यान को दाएं घुटने पर लाएं. घुटने को भी रिलैक्स होता हुआ महसूस करें. फिर अपना ध्यान अपनी दाईं जंघा और नितंब पर केंद्रित करें और इसे भी रिलैक्स होता महसूस करें.
5. इसी प्रकार अब अपने बाएं पैर पर यह क्रिया दोहराएं. फिर अपना ध्यान अपने जननांगों पर केंद्रित करें, उन्हें रिलैक्स होता हुआ महसूस करें. अब इससे थोड़ा ऊपर की ओर आते हुए अपने ध्यान को पेट और पीठ के निचले हिस्से पर केंद्रित करें. इस हिस्से को रिलैक्स होता हुआ महसूस करें.
6. इसी प्रकार एक-एक कर अपना ध्यान क्रमश: अपने कोर पर फिर चेस्ट व अपर बैक पर, फिर गर्दन व गले पर केंद्रित करें, उन्हें रिलैक्स होता हुआ महसूस करें.
7. धीरे-धीरे अपने सिर की ओर आएं माथे, क्राउन, सिर का पिछला हिस्सा और चेहरे के हर अंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्हें रिलैक्स होता महसूस करें.
8. अब पुन: अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और कल्पना करें कि जैसे आप स्वयं के शरीर को मन की आंखों से देख रहे हैं और उसे बहुत रिलैक्स्ड महसूस कर रहे हैं. आपके मन में जो विचार चल रहे हैं, उन्हें वैसे ही चलने दें. उन्हें पूरी तरह स्वीकार कर लें, आत्मसात कर लें. कहीं कोई विरोध न करें.
9. कुछ समय इसी अवस्था में रहें और फिर अपनी चेतना से स्वयं को अपने शरीर के भीतर से देखें. इस अवस्था में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करें. कुछ मिनट तक सांसों की लय पर ध्यान दें.
10. अपने शरीर से दोबारा जुड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें.
कुछ समय किसी योग गुरु या वीडियो/ऑडियो के ज़रिए योग निद्रा का अभ्यास कर लेने के बाद आप इसे स्वयं भी कर सकते हैं.
फ़ोटो साभार: पिन्टरेस्ट
फ़ोटो सांकेतिक है