यह तो हम सभी जानते हैं कि योग अन्य कसरतों की तुलना में धीमी गति से कार्य करते हुए हमारे शरीर को हर तरह से तंदुरुस्त बनाता है. योग मुद्राएं पशुओं और दैनिक चीज़ों से प्रेरित होती हैं और ये हमारे शारीरिक व मानसिक संतुलन को सही रखने में अपनी भूमिका निभाती हैं. अपने योग रूटीन में हमें कई योगासनों को शामिल करना चाहिए और उन्हीं में एक योगासन है धनुरासन, जिसके फ़ायदे हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.
धनुरासन, धनुष के आकार से प्रेरित योगासन है. यह आसन पेट की मांसपेशियों को लचीला और मज़बूत तो बनाता ही है, पर इसके अलावा भी इसके कई और फ़ायदे हैं. जब आप योगासन करते हैं तो कई आसनों को कई सेट्स में दोहराते हैं. हमारी सलाह होगी कि आप धनुरासन को भी अपने योगासन रूटीन में शामिल करें. आइए जानें, धनुरासन के क्या फ़ायदे हैं, इसे कौन कर सकता है और किसे नहीं करना चाहिए, इसे कैसे किया जाना चाहिए और इसे करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
धनुरासन के फ़ायदे
वज़न कम करने और कोर स्ट्रेंथ यानी पेट के हिस्से की मज़बूती को बढ़ाने में कारगर धनुरासन आपके हाथ, पैर और पेट की मांसपेशियों को टोन करता है. पेट ही नहीं, यह आपकी पीठ और जननांगों के लचीलेपन को बढ़ाते हुए उन्हें मज़बूत बनाता है. यह कमर के दर्द को दूर करता है और महिलाओं के मासिक धर्म को नियमित करने में भी कारगर है. इसे करने से हमारे पाचन की प्रक्रिया में भी सुधार आता है. महीनेभर तक इसका नियमित अभ्यास करने पर आपको अपने पेट का हिस्से में कसाव और टोनिंग अपने आप नज़र आने लगेगा. इस योग का नियमित रूप से अभ्यास करते रहने से आप चुस्त-दुरुस्त बने रहेंगे.
ये लोग न करें धनुरासन
सबसे पहली बात तो आपको कोई भी योगाभ्यास अपने डॉक्टर की सलाह पर और योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही शुरू करना चाहिए. यदि किसी को हर्निया, वर्टिगो, हाई या लो ब्लडप्रेशर की शिकायत हो; गर्दन, पीठ या कमर संबंधी चोट हो या फिर छह महीने पहले तक पेट की कोई सर्जरी हुई हो तो उन्हें धनुरासन नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को भी यह आसन नहीं करना चाहिए.
सावधानियां
कोई भी योगाभ्यास करते समय सबसे ज़रूर सावधानी होती है कि आपका पेट ख़ाली हो, यही बात धनुरासन के लिए भी सही है. योग करने का सबसे अच्छा समय होता है सुबह का अत: कोशिश करें कि इसे सुबह के समय ही कर लिया जाए. यदि आप दोपहर या शाम के वक़्त करना चाहें तो यह सुनिश्चित करें कि आपने भोजन कम से कम 4 घंटे पहले खाया हो.
योगासन करते समय दूसरी आवश्यक सावधानी होती है कि धीरे-धीरे अभ्यास करें और अभ्यास का समय बढ़ाते जाएं. इससे आपके शरीर का लचीलापन बढ़ेगा. शुरुआत में ही ज़्यादा और तेज़ गति से आसन करने के प्रयास में फ़ायदे की जगह नुक़्सान भी हो सकता है.
धनुरासन करने का तरीक़ा
• पेट के बल लेट जाएं. अपने पैरों को सीधा रखें और उनके बीच सामान्य दूरी बनाए रखें. बांहों को शरीर के समानांतर रखें.
• अपने घुटनों को मोड़ते हुए कूल्हे के पास लाएं और हाथों को ऊपर ले जाते हुए अपनी एड़ियों के निचले हिस्से यानी टखने के पास पकड़ लें. याद रखें कि हाथों की यह पकड़ जितनी मज़बूत होगी आपके शरीर को उतना ही बेहतर खिंचाव महसूस होगा.
• अब सांस अंदर लेते हुए अपने शरीर के अगले हिस्से यानी छाती को ऊपर की ओर उठाएं और पैरों को फैलाएं. इससे बांहों और जंघा पर आपको खिंचाव महसूस होगा.
• जब तक आप सहजता से इस स्थित में बने रह सकते हैं, बने रहें. शुरुआत में 5 से 10 सेकेंड का समय भी पर्याप्त होगा. इस स्थित में रहते हुए लंबी व गहरी सांसें लेते रहें.
• धीरे-धीरे अपनी सामान्य स्थिति में लौट आएं. इस आसन को शुरुआत में पांच बार दोहराएं और धीरे-धीरे दोहराव की संख्या को बढ़ाते चले जाएं
फ़ोटो: फ्रीपिक