करियर का चुनाव कभी आसान नहीं होता और जिस उम्र में बच्चों को इसका चुनाव करना होता है, वह उम्र तो किशोरों की ख़ुद की कुछ अलग, शारीरिक, मानसिक और हॉर्मोनल समस्याओं से भी भरी होती है. और कई बार उनकी पसंद और दिलचस्पी में बदलाव भी होता रहता है. ऐसे में बतौर पैरेंट्स आप उनका करियर चुनने में किस तरह सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं? यहां जानिए.
यदि आप भी एक किशोरवयी बच्चे के माता-पिता हैं और चाहते हैं कि उसके करियर के चुनाव में आप सकारात्मक भूमिका निभा सकें तो आपको अपनी ओर से इसके लिए प्रयास करने होंगे. टीनएजर बच्चे अक्सर अपने माता-पिता से खुलकर बात नहीं करते, क्योंकि वे अपने दोस्तों की दुनिया में रमे होते हैं या गैजेट्स के साथ समय बिताते हैं या फिर अक्सर ज़्यादा बात करना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में यदि आप उनके करियर के चुनाव के लिए उनसे बात करना चाहते हैं तो पहल आपको ही करनी होगी. यहां जानिए, कैसे कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए आप उनकी मदद कर सकते हैं, जिससे आपके और उनके बीच तल्ख़ी या तनाव की नौबत भी न आने पाए…
उनसे बात करें, उनकी ज़्यादा सुनें
सबसे पहले तो उनसे इस मामले में बातचीत करने की पहल करें. ज़रूरी नहीं कि इसके लिए आप उन्हें अलग से बुलाएं, बल्कि रोज़ाना जिस समय पर आप साथ रहते हैं, जैसे- नाश्ता, खाना खाते वक़्त या फिर यूं ही सामान्य गपशप के दौरान आप उनसे इस बारे में बात कर सकते हैं. यह पूछते हुए नहीं कि तुम क्या चुनना चाहते हो, बल्कि उन्हें लोगों की बातें करते हुए यह बताते हुए कि यह भी एक अच्छा करियर विकल्प है, जिसे चुना जा सकता है. मसलन, यदि आप न्यूज़ देख रहे हैं और किसी कोच, फ़िज़ियोथेरैपिस्ट या खिलाड़ी की बात हो रही है तो कहा जा सकता है कि कोच, फ़िज़ियोथैरिपिस्ट या फिर खिलाड़ी बनना भी अच्छा करियर है, तुम क्या सोचती/सोचते हो. सवाल पूछ लेने के बाद लंबे समय तक उनके जवाब को सुनिए. इसे बतौर पैरेंट आप ये अंदाज़ा लगा पाएंगी/पाएंगे कि उनकी इस क्षेत्र में रुचि है या नहीं.
उनकी सोच और उनके इरादों का सम्मान करें
मैंने एक घर में यह होते हुए देखा है कि एक बच्चे की सोच की हंसी उड़ाई जा रही थी. मैंने ऐसा करने वाले को टोका भी है. हुआ यूं कि उस दस वर्षीय बच्चे से पूछा गया कि तुम क्या बनना चाहते हो? उसने तपाक से जवाब दिया- मैं फ़िल्म डायरेक्टर बनना चाहता हूं. उसके मुंह से यह सुनते ही, उसकी आंटी ने कहा-अरे ये भी कोई करियर है और हंस पड़ीं. बच्चे का मुंह उतर गया और वह रुआंसा हो गया. बच्चे के करियर में सहायक होना चाहते हैं तो इस तरह की हरकतों से बचें, ये बच्चे के मानस पर बहुत गहरा असर डालती हैं. यदि वे कोई करियर ऑप्शन बताते हैं और आप पैरेंट्स की तरह उससे सहमत नहीं हैं तो भी उस वक़्त उनके इरादों के प्रति सम्मान दिखाइए. भले ही बाद में आप उन्हें समझा सकते हैं कि हम चाहते हैं कि आप किसी दूसरे करियर के बारे में भी सोचो, क्योंकि प्लैन बी हमेशा होना चाहिए. याद रखिए कि यदि आप अपने बच्चों की सोच का सम्मान नहीं करेंगे तो आप उनसे इस बात की उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि वे आपकी सोच का सम्मान करें?
उनकी योजनाएं बदलती हैं और यह सामान्य है
बतौर पैरेंट्स आपको मालूम होना चाहिए कि केवल कुछ प्रतिशत बच्चे ही ऐसे होते हैं, जो एक बार जो तय कर लेते हैं, अंत तक वही बनना चाहते हैं. लेकिन ज़्यादातर बच्चों की सोच और पसंद समय के साथ बदलती रहती है. ऐसे में हो सकता है कि वे करियर के चुनाव को बदलना चाहें. तब आप क्या कर सकते हैं? उनके साथ बैठिए और जानिए कि आख़िर इसका कारण क्या है? यदि वे घबराए हुए हैं तो उनकी घबराहट और डर को दूर कीजिए, लेकिन यदि आपको लगता है कि वे करियर बदलना ही चाहते हैं तो इसके बारे में चर्चा कीजिए और उनकी बात सुनिए. हां, यहां आपको थोड़ी सख़्ती भी बरतनी पड़ सकती है कि आप उन्हें स्पष्ट कर दें कि ऐसा बार-बार नहीं हो सकता. यदि आवश्यकता महसूस हो तो आप किसी करियर काउंसलर की मदद ले सकते हैं.
अपना रिसर्च जारी रखें, ताकि आप अपडेटेड रहें
यदि आपका टीनएजर करियर बदलने को कहता है तो पूछें कि वह क्या चाहता है और फिर उस करियर के बारे में इंटरनेट पर उपलब्ध सभी जानकारियों को पढ़ें. फिर अपने बच्चे से चर्चा करें. इस समय पर आपको लगातार आकलन करते रहना होगा कि जो करियर आपका बच्चा चुनना चाहता है, वो उसके लिए कैसा होगा, क्या बच्चे के भीतर उस क्षेत्र में करियर बनाने के गुण मौजूद हैं? या फिर क्या वह उस करियर को बनाने जितनी मेहनत कर सकता है? इस बारे में अपने बच्चे से बिना पूर्वाग्रह के और बिना नाराज़ हुए बात करें. यहां भी करियर काउंसलर्स आपकी मदद कर सकते हैं. कई तरह के टेस्ट्स किए जाते हैं, जिनसे यह पता किया जाता है कि बच्चा किस क्षेत्र में अच्छा कर सकता है.
समय के साथ तालमेल बिठाते चलें
यदि आपकी सोच अभी भी पुराने समय की है कि आपके बच्चे का करियर ऐसा हो, जिसके बारे में सभी जानते हों, सुरक्षित हो या फिर बहुत अधिक आमदनी देनेवाला हो तो आपको अपनी सोच को थोड़ा बदलना होगा, क्योंकि ऐसे करियर अक्सर बच्चों को वो निजी, आत्मिक ख़ुशी नहीं देते हैं, जिसकी वे चाहत रखते हैं. यदि आपका किशोर अपनी पसंद को अपने करियर में बदलना चाहता है तो आपको उस करियर के बारे में जानकारी जुटानी चाहिए, बजाय इसके कि आप बच्चे पर अपनी पसंद थोपें. इन दिनों करियर के कई ऐसे विकल्प हैं, जो ट्रडिशनल नहीं हैं, लेकिन उनमें अच्छी आय भी है और बच्चों को आत्म संतुष्टि भी मिलती है. सबसे आख़िरी में हम यही कहेंगे कि यह आपके टीनएजर के करियर का चुनाव है, जिसमें आप सहायक की भूमिका निभा रहे हैं तो अंतिम निर्णय आपका नहीं, बल्कि आपके टीनएजर का ही होना चाहिए.
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