हमें पता है कि आप अच्छी तरह जानते हैं कि योग एक जीवनशैली है और योगासन यदि सही तरीक़े से किए जाएं तो आपको स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं, कई बीमारियों से मुक्ति दिलाते हैं. पर क्या आपको यह पता है कि कुछ योगासन करने से आपकी त्वचा में स्वस्थ चमक आती है? और त्वचा इतनी आभावान हो जाती है कि आपको फ़ेशियल कराने की आवश्यकता ही न पड़े. आइए, जानते हैं इन योगासनों के बार में.
इससे पहले कि हम आपको उन योगासनों के बारे में बताएं, जो आपकी त्वचा को स्वस्थ चमक से संवार देंगी, हम आपको योगासन का सही तरीक़ा बताना चाहते हैं. जी हां, कई लोगों को इसके बारे में मालूम नहीं होता, लेकिन आप योगासनों के क्रम को ज़रूर जान लें. जब कभी-भी आप योग की शुरुआत करें, ध्यान रखें कि पहले खड़े होकर किए जानेवाले आसन किए जाते हैं, उसके बाद बैठकर किए जानेवाले और अंत में लेटकर किए जानेवाले योगासन किए जाते हैं. कहने का मतलब ये कि आपको भले ही आसन किसी भी क्रम में बताए जाएं, लेकिन आपको ऊपर बताए क्रम में बांटकर ही उन्हें करना चाहिए.
आइए, अब जानते हैं वे कौन-से आसन हैं, जिनका रोज़ाना अभ्यास करने से आपकी त्वचा स्वस्थ और चमकदार नज़र आएगी…
ताड़ासन
यह खड़े होकर किया जानेवाला आसान है. जिसमें लयबद्ध सांसें लेते हुए हम अपने पंजे पर खड़े होते हैं और अपने हाथों को ऊपर की ओर ले जाते हुए, शरीर को ऊपर की ओर स्ट्रेच करते हैं. इससे हमारे शरीर का निचला हिस्सा सीधा हो जाता है और पेट व कूल्हे दृढ़ होते हैं. रोज़ाना अभ्यास करने पर यह आसन हमारे शरीर से ज़हरीले पदार्थ निकालकर उसे डीटॉक्सिफ़ाई करता है. विषाक्त पदार्थों के बाहर निकलने की वजह से हमारी त्वचा आभावान नज़र आती है.
उत्तानासन
उत्तानासन करते समय सामने की ओर झुककर अपने पैरों को पकड़ा जाता है. ऐसा करते समय आगे की ओर झुकने से चेहरे पर रक्त संचार बढ़ता है. इससे चेहरे की कोशिकाओं में ऑक्सिजन और अन्य पोषक तत्व अच्छी तरह पहुंचते हैं. रोज़ाना इस योग का अभ्यास करने से त्वचा खिली-निखरी और आभावान नज़र आती है.
त्रिकोणासन
अपने नाम के अनुसार यह आसन त्रिभुज यानी ट्राइऐंगल से प्रेरित है. इस आसन को करने से हमारे छाती और फेफड़ों में ऑक्सिजन अच्छी तरह पहुंचती है, जो रक्त संचार के सुधरने की वजह से चेहरे तक भी पहुंचती है. अत: इस आसन को नियम से करते रहने से चेहरे पर स्वस्थ चमक आती है. यही नहीं, त्रिकोणासन हमारी बांहों, जांघों और पिंडलियों को सुडौल बनाने में अहम् भूमिका निभाता है.
बालासन
बालासन को शिशुआसन के नाम से भी जाना जाता है. इस आसन को करने के लिए घुटने मोड़कर वज्रासन पर बैठना होता है और फिर आगे की ओर झुककर सिर को ज़मीन से लगाना होता है. यह आसन बिल्कुल उसी तरह किया जाता है, जैसे कि शिशु सोते हैं. इस आसन को करने से पीठ, कंधे और छाती पर तनाव कम होता है. साथ ही, सिर की ओर रक्त का संचार बढ़ता है. यही वजह है कि नियमित रूप से इस आसन को करने से चेहरे पर स्वस्थ चमक आती है.
भुजंगासन
भुजंग यानी सांप. तो नाम से स्पष्ट है कि भुजंगासन में हमें सर्प की मुद्रा बनानी होती है, जिसके लिए पेट के बल लेटा जाता है. भुजंगासन उन आसनों में से एक है, जो हमारे पूरे शरीर को कई तरह के फ़ायदे पहुंचाते हैं. तनाव को कम करने वाला यह आसन भी शरीर से ज़हरीले पदार्थों को बाहर निकालने में प्रभावी है. जब शरीर इस आकार में होता है तो पूरे शरीर में ऑक्सिजन का वितरण सुधरता है. यही वजह है कि त्वचा में चमक आती है.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट/गूगल
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