• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ओए हीरो

सुनो, कभी किसी के लिए महज़ कान बन जाना!

जयंती रंगनाथन by जयंती रंगनाथन
February 28, 2022
in ओए हीरो, ज़रूर पढ़ें, मेरी डायरी
A A
सुनो, कभी किसी के लिए महज़ कान बन जाना!
Share on FacebookShare on Twitter

कई बार हममें से कई लोगों का मन इतनी पीड़ा से भरा होता है कि उन्हें केवल स्पेस चाहिए होता है. कोई सलाह नहीं, बस, फ़कत दो कान चाहिए होते हैं, जो उनकी समस्याओं को सुन लें, सुनभर लें. कोई हिदायत न दें, जज न करें, बस सुन लें… कभी किसी की ज़िंदगी में महज़ कान बनकर उतरना कितना मददगार साबित हो सकता है, यही बात आपको जयंती रंगनाथन की डायरी के इन पन्नों के ज़रिए ख़ूबसूरती से पता चलेगी.

कल रात मेरी बिल्डिंग में रहने वाली एक युवा लड़की को अर्से बाद टहलते देखा. दूर से देखा तो पहचान ही नहीं पाई. पास आई तो मैंने चौंक कर पूछा,‘तुम डायटिंग कर रही हो?’
उसके चेहरे पर बेबसी वाली स्माइल आ गई,‘लाइफ़ ने डायटिंग करवा दी…’
अपने हज़्बंड से अलग हो कर अपनी मां के साथ रहने वाली इस लड़की की कोरोना काल में नौकरी छूट गई. वह दुखी थी. उसे बस, सुनने के लिए दो कान चाहिए थे. मिनटभर में जैसे बांध फट गया…
‘नौकरी जाने का उतना ग़म नहीं, जितना मां के तानों से हो रहा है.’ उसकी सोने-जागने की आदतें बदल गई हैं.
‘मुझे तो नींद ही नहीं आती. कुछ भी कर लूं. रातभर जागती हूं, क्योंकि उस वक़्त मां सोती हैं. सुबह जब वो जागती हैं, मैं सोने चली जाती हूं. मैं उनके सामने आना ही नहीं चाहती. उनकी बातें बेशक़ सही होती हैं, पर शायद इस वक्त मैं सुनना नहीं चाहती.’

उस लड़की से मुझे हमदर्दी होने लगी. मैंने जानना चाहा कि वो क्या करना चाहती है?
‘मैं पता नहीं क्या करना चाहती हूं? एक वक़्त था जब मां कहती थीं अपने अफ़लातूनी आयडियाज़ शादी के बाद पूरी करना. फिर हज़्बंड आड़े आ गया. उसके अंदर भी मेरी मां थी, जो हर काम के लिए टोकता था. वापस आई हूं तो मेरी मां, मां के साथ-साथ हज़्बंड भी बन गई है. सच कहूं तो अब किसी को कैफ़ियत देने का मन नहीं होता. मन करता है कहीं ग़ायब हो जाऊं.’
मुझे दो दिन पहले देखी वेब सीरीज़ ‘फ़ेम गेम’ या आ गई. सीरीज़ की नायिका सुपर स्टार अनामिका भी कुछ यूं ही कहती है.
मैंने ऐसे ही कह दिया,’मां को कुछ दिनों के लिए कहीं और क्यों नहीं भेज देती? उन्हें भी चेंज हो जाएगा और तुम्हें भी…’
उसकी आंखों में सितारे उतर आए.
‘ओह. फिर मुझे घर से भागना नहीं पड़ेगा.’
अचानक मेरा हाथ पकड़ कर बोली,‘मुझे ग़लत मत समझिए. आई लव हर. पर इस समय मुझे वही करने का मन है जो मैं चाहती हूं. मेरे पास इतने पैसे हैं कि सालभर और निकल जाएगा. मैं अकेली कहीं घूम आऊंगी. ख़ूब सोऊंगी, रोज बर्गर मंगा कर खाऊंगी, रात को तेज़ आवाज़ में रोऊंगी, बिल्ली पाल लूंगी. मुझे लगता है फिर मैं सोच पाऊंगी कि मुझे करना क्या है?’

वो रिलैक्स्ड लग रही थी. हम दोनों साथ में पांच हज़ार क़दम चल चुके थे. मैंने सोचा उससे कहूं कि माधुरी दीक्षित की वेब सीरीज़ फ़ेम गेम देख ले. पर लगा, इस वक़्त नहीं. जब वह अकेली होगी, तो देख ही लेगी. आज इस समय उसे ज्ञान नहीं चाहिए, बस दो कान चाहिए. यह कहने वाला चाहिए कि तुम ठीक हो. तुम्हें वो करना चाहिए, जो तुम्हें अच्छा लगे. मैंने वही किया.
वो ख़ुश है और मैं ख़ाली हूं.

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट, etsy.com

Tags: Giving spaceheroIt is relaxing sometimes to become an earJayanti RanganathanListening to someoneListening to thingsme timeMy DiaryRelationshipsTo become an earकान बन जानाकेवल सुन लेना किसी कोजयंती रंगनाथनपहेलियों से उलझे रिश्तेबातें सुननामी टाइममेरी डायरीरिश्तेरिश्ते-नातेसुकूनदेह होता है कभी-कभी कान बन जानास्पेस देनाहीरो
जयंती रंगनाथन

जयंती रंगनाथन

वरिष्ठ पत्रकार जयंती रंगनाथन ने धर्मयुग, सोनी एंटरटेन्मेंट टेलीविज़न, वनिता और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया है. पिछले दस वर्षों से वे दैनिक हिंदुस्तान में एग्ज़ेक्यूटिव एडिटर हैं. उनके पांच उपन्यास और तीन कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. देश का पहला फ़ेसबुक उपन्यास भी उनकी संकल्पना थी और यह उनके संपादन में छपा. बच्चों पर लिखी उनकी 100 से अधिक कहानियां रेडियो, टीवी, पत्रिकाओं और ऑडियोबुक के रूप में प्रकाशित-प्रसारित हो चुकी हैं.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.