आपकी संपूर्ण सेहत पर उन चीज़ों का असर तो पड़ता ही है, जिन्हें आप अपने भोजन में शामिल करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि केवल भोजन ही नहीं, बल्कि यह किस समय खाया जा रहा है, इस बात का भी आपकी सेहत पर असर पड़ता है? सेहत के लिए क्या खाना चाहिए यह बात तो आपने कई जगह पढ़ी होगी, लेकिन सेहतमंद रहने के लिए किस समय खाना चाहिए यह बात शायद आपको मालूम न हो और यही बात हम आपको बताने जा रहे हैं. यदि आप सेहतमंद रहना चाहते हैं, ऊर्जावान महसूस करना चाहते हैं और अपने वज़न को नियंत्रित रखना चाहते हैं तो आपको यह आलेख ज़रूर पढ़ना चाहिए.
आप सेहतमंद रहना चाहते हैं तो आपको यह बात तो मालूम ही होगी कि जीवन के केवल एक ही आयाम को ध्यान में रख कर आप अच्छी सेहत नहीं पा सकते हैं. क्योंकि आपकी सेहत आपके जीवन के कई पहलुओं से जुड़ी होती है. अच्छी सेहत के लिए आपको हर चीज़ का ध्यान रखना होता है, मसलन- एक्सरसाइज़, खानपान, मानसिक स्वास्थ्य, नींद, रिश्ते-नाते वगैरह.
इन सभी पहलुओं में से फ़िलहाल यदि हम केवल खानपान की बात करें और यह मान कर चलें कि आप सभी सेहतमंद चीज़ों को ही अपनी डायट में जगह देते हैं तब भी हम आपको आगाह करना चाहते हैं कि भोजन के विषय में केवल सेहतमंद चीज़ों के चयन और सेवन पर ही आपका स्वास्थ्य निर्भर नहीं करता, बल्कि वह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस समय भोजन करते हैं. आइए इस बारे में आपको और जानकारी देते हैं.
देर से खाना खाने से भूख बढ़ती है, कैलरीज़ कम बर्न होती हैं और फ़ैट टिशूज़ पर भी असर पड़ता है. यह हम नहीं कह रहे हैं, ब्रिघम ऐंड विमेन्स हॉस्पिटल, अमेरिका में हुई एक शोध नतीजे कहते हैं. इसके अनुसार, सेहतमंद डायट अपनाने वालों को हमेशा सलाह दी जाती है कि वे आधी रात का भोजन यानी मिडनाइट स्नैकिंग से बचें. कई रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि देर रात खाना खाने से मोटापे का ख़तरा बढ़ता है. वहीं हाल ही में हुई इस स्टडी के परिणाम बताते हैं हैं कि यदि भोजन देर से किया जाए तो शरीर कम ऊर्जा ख़र्च कर पाता है, भूख बढ़ जाती है और फ़ैट टिशूज़ में इस तरह का बदलाव आने लगता है कि मोटापे का ख़तरा बढ़ जाता है.
नैशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में ‘द इन्फ़्लुएंस ऑफ़ मील फ्रीक्वेंसी ऐंड टाइमिंग ऑन हेल्थ इन ह्यूमन्स: द रोल ऑफ़ फ़ास्टिंग’ शीर्षक से प्रकाशित एक और पेपर में बताया गया है कि समय पर या देर से खाना खाने का असर हमारी आंतरिक सर्कैडियन क्लॉक पर पड़ता है, जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रित करती है और इस पर ही हमारे जागने और सोने-जागने का चक्र यानी नींद निर्भर करती है. इसके अलावा इसी क्लॉक पर हमारे शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर, हॉर्मोन्स का स्राव और हमारा व्यवहार निर्भर करता है. अत: देर रात भोजन करने से बचना आपको कई तरह की समस्याओं से बचा सकता है, जिनमें वज़न का बढ़ना भी शामिल है.
तो भोजन का समय क्या होना चाहिए?
ब्रेकफ़ास्ट, लंच या डिनर खा लेना यूं तो बहुत ही आसान सी बात लगती है, लेकिन आप इसमें क्या शामिल करते हैं और किस समय पर सेवन करते हैं इस बात का आपकी सेहत पर बहुत असर पड़ता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि आपको कब और कैसा ब्रेकफ़ास्ट, लंच या डिनर लेना चाहिए. यह बताने के बावजूद हम आपसे कहेंगे कि यहां दिए गए निर्देशों को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर/डाइटीशियन की सलाह ज़रूर लें.
ब्रेकफ़ास्ट: आदर्श बात करें तो सो कर उठने के आधे से एक घंटे के भीतर आपको ब्रेकफ़ास्ट कर लेना चाहिए. लेकिन यदि आप ऐसा नहीं भी कर पाते हैं तो हमारी सलाह है कि सुबह 10 बजे से पहले अपना ब्रेकफ़ास्ट ख़त्म कर लें. अपने ब्रेकफ़ास्ट में प्रोटीन को ज़रूर शामिल करें. आप अंडे या पनीर के रूप में इसे शामिल कर सकते हैं.
लंच: लंच के आदर्श समय की बात करें तो वह है 12.30 से 1.30 के बीच. यहां यह याद रखना भी ज़रूरी है कि आपके ब्रेकफ़ास्ट और लंच के चार घंटों का अंतराल होना चाहिए. किसी भी सूरत में, यदि आपको देर हो रही हो तो भी लंच शाम चार बजे से पहले तो कर ही लेना चाहिए.
डिनर: आपके डिनर और सोने के समय के बीच कम से कम तीन घंटे का अंतर होना चाहिए. इससे आपकी सर्कैडियन क्लॉक सही तरीक़े से काम करती है और आपको अच्छी नींद आती है. यदि आपके डिनर और सोने के समय में ज़्यादा अंतर नहीं होगा तो आपकी नींद की गुणवत्ता प्रभावित होगी, मेटाबॉलिज़्म पर असर पड़ेगा और सेहत पर इन बातों का बुरा असर पड़ेगा.
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