कोरोना बीमारी ने अभूतपूर्व सी स्थित पैदा कर दी है. पूरी दुनिया लगभग सालभर से इसे लेकर संशय की स्थिति में है और हमें बिल्कुल भी नहीं पता कि हमें कितने लंबे समय तक इस महामारी के साथ रहना होगा. इस बीमारी ने हम सब को चेतन, अवचेतन दोनों ही स्तर पर प्रभावित किया है. इस बात का आकलन कठिन है कि लोगों पर इसका कैसा मानसिक प्रभाव पड़ा है. वहीं इस महामारी से बच्चों के कोमल मन पर पड़े प्रभाव को जानना तो और भी मुश्क़िल है. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप अपने छोटे बच्चों को कोरोना के बारे में सही जानकारी देते हुए उन्हें सकारात्मक बनाए रखें. कोरोना के बारे में बच्चों को समझाने के लिए नीचे दिए गए कुछ पॉइन्ट्स आपके बहुत काम आएंगे…
कोरोना के बारे में सारे अपडेट्स रखें
यह बात समझने में बहुत आसान है कि यदि आपको कोरोना के बारे में ताज़ा अपडेट्स पता होंगे उतनी ही सहजता से आप बच्चों को इसके बारे में जानकारी दे पाएंगे. यदि आपको कुछ बातें पता नहीं है तो आप अपने बच्चों को यह कह कर चिंतामुक्त बना सकते हैं कि आपके पास इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी तो नहीं है, लेकिन जितनी है, उसके मुताबिक आप सभी आवश्यक क़दम उठा रहे हैं, ताकि इसे आपके परिवार के सदस्य बच सकें.
बचाव का हर उपाय बच्चों से साझा करें
बच्चों से कोरोना के बारे में बात करते समय उन्हें यह बताना बहुत ज़रूरी है कि वे इस बीमारी से कैसे बच सकते हैं, जैसे- किस तरह 20 सेकेंड्स तक उन्हें हाथ धोना चाहिए, खांसते-छींकते समय रुमाल का इस्तेमाल करना चाहिए, बाहर निकलते समय मास्क सही तरीक़े से लगाना चाहिए. आप बातों ही बातों में उन्हें इसके लिए प्रशिक्षित भी कर सकती हैं.
जब वे कोरोना से हो रही मृत्यु से चिंतित हों
कुछ बच्चे बहुत संवेदनशील होते हैं. अख़बारों और चैनलों के ज़रिए कोरोना की वजह से हो रही मौतें उन्हें चिंतित कर देती हैं. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आप उन्हें यह समझाएं कि एक दिन तो सभी को इस दुनिया से जाना है, लेकिन अधिकतर लोगों की मृत्यु की आशंका तब तक नहीं है, जब तक कि वो अपना जीवन जी कर बहुत बुज़ुर्ग नहीं हो जाते. उन्हें समझाएं कि यह एक ऐसा दौर है, जो जल्द ही निकल जाएगा और वैज्ञानिक इस बीमारी की दवाई बनाने में जुटे हुए हैं. ये बातें ख़त्म होने के तुरंत बाद किसी हल्के-फुल्के और उनके मनपसंद विषय पर बात शुरू कर दें. इससे माहौल हल्का होने में मदद मिलेगी.
जब वे अपने दोस्तों को याद करें
कोरोना के दौरान तकनीक और इंटरनेट का गठजोड़ हमारा सबसे अच्छा साथी बनकर उभरा है. जब कभी आपके बच्चे अपने दोस्तों याद करें तो आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए उनकी छोटी-मोटी पार्टी या मीटिंग आयोजित करवा सकती हैं. यह सच है कि इससे व्यक्तिगत रूप से पास मिल-बैठकर बात करने जैसी ख़ुशी तो नहीं मिल सकती, लेकिन एक-दूसरे को देखते हुए एकसाथ बात करने की ख़ुशी तो मिल ही सकती है. उन्हें समझाएं कि अभी इस तरह मिलना उन सभी के सेहत के लिए बेहतर रहेगा और पैन्डैमिक के गुज़रते ही, वे फिर पहले की तरह मिल सकेंगे.