• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home रिलेशनशिप एक्सपर्ट सलाह

कुछ एक्सरसाइज़, जिनसे हो सकता है ऑर्गैज़्म!

संगीत सेबैस्टियन by संगीत सेबैस्टियन
February 25, 2022
in एक्सपर्ट सलाह, रिलेशनशिप
A A
कुछ एक्सरसाइज़, जिनसे हो सकता है ऑर्गैज़्म!
Share on FacebookShare on Twitter

हमें मालूम है आपको लगेगा कि ये हमने क्या कह दिया? कहीं सेक्शुअल संबंध बनाए बिना भला ऑर्गैज़्म आ सकता है? पर हमारा यक़ीन मानिए कि यह सच है, ऐसे कई लोग (पुरुष व महिलाएं दोनों ही) हैं, जिन्हें एक्सरसाइज़ के दौरान ऑर्गैज़्म का अनुभव हुआ है. और साथ ही कुछ एक्सरसाइज़ ऐसी भी हैं, जो ऑर्गैज़्म को प्रेरित कर सकती हैं. इस बारे में हमें और जानकारी दे रहे हैं वीवॉक्स  के संस्थापक संगीत सेबैस्टियन.

सचमुच! मैं बातें नहीं बना रहा हूं. कुछ लोगों को एक्सरसाइज़ के दौरान ऑर्गैज़्म का अनुभव होता है और यह सच मेडिकल दस्तावेज़ों में दर्ज है. आपको यह बात थोड़ी अजीब इसलिए लग रही होगी कि हम सब के दिमाग़ इस बात के लिए प्रोग्राम्ड हैं कि ऑर्गैज़्म का ज़िक्र केवल सेक्शुअल संबंधों के दौरान आता है.
लेकिन सच्चाई यह है कि ऑर्गैज़्म इससे अलग स्वतंत्र रूप से भी महसूस हो सकता है-महिलाओं और पुरुषों दोनों को ही. कई लोगों ने सेक्शुअल रिश्तों से परे अलग-अलग समय पर ऑर्गैज़्म का अनुभव किया है: सोते समय से लेकर बच्चे के पैदा होते समय तक. हालांकि यह बताना मुश्क़िल है कि कितने लोगों को ऐसा अनुभव हुआ है, लेकिन यह सच्चाई जानना कि लोगों के साथ ऐसा होता है, कई लोगों के लिए राहत पाने जैसा होगा, क्योंकि अब तक वे यही समझ रहे होंगे कि उनके साथ कुछ असामान्य हो रहा है.

इस पर कुछ शोध भी हुए हैं!
बिना सेक्शुअल गतिविधि के आनेवाला ऑर्गैज़्म दशकों तक रिसर्चर्स और फ़िटनेस के प्रति सजग लोगों की नज़रों में भी रहस्य ही रहा. तो जिन लोगों को इसका अनुभव हुआ उन्होंने यही सोचा होगा कि वे ज़रूर अनोखे-से हैं.
सेक्स से जुड़ी हर बात की ही तरह इस पर बात तब हुई जब प्रभावशाली अमेरिकी सेक्स रिसर्चर अल्फ्रेड किन्सी ने 50’ के दशक में ह्यूमन सेक्शुऐलिटी से जुड़े अपने एक अध्ययन में बग़ैर सेक्शुअल गतिविधि के महसूस होनेवाले ऑर्गैज़्म के बरे में बात की. उनकी थ्योरी के अनुसार लगभग 5% लोगों को व्यायाम से प्रेरित यानी एक्सरसाइज़-इन्ड्यूज़्ड ऑर्गैज़्म आता है.
स्तनधारी मानव धरती के चाहे किसी भी हिस्से में हो, उसकी जैविक और शारीरिक बनावट तो एक जैसी ही है तो इस बात का कोई कारण ही नहीं बनता कि भारत में जिम जानेवाले एक्सरसाइज़ प्रेमियों को इस तरह के अनुभव ना होते हों.

इन्हें भीपढ़ें

include-kids-during-festivals

त्यौहारों के दौरान बच्चों को अपनी संस्कृति से मिलवाते चलें

October 25, 2022
radha-krishna

प्राचीन भारत में स्त्री-पुरुष के रिश्ते: सेक्स टैबू नहीं था फिर कैसे रिश्तों के बीच पितृसत्ता आ गई?

October 16, 2022
savitri-satyavan

प्राचीन भारत में स्त्री-पुरुष के रिश्ते: तब सेक्स समाज के लिए कोई टैबू नहीं था!

October 15, 2022
responsible parenting

बच्चों को उम्र के अनुसार ज़िम्मेदारियां देना उनके विकास के लिए ज़रूरी है!

September 17, 2022

कौन-से ऐसे वर्कआउट्स हैं, जो ऑर्गैज़्म को प्रेरित कर सकते हैं?
वर्ष 2012 में जरनल ऑफ़ सेक्शुअल ऐंड रिलेशनशिप थेरैपी में महिलाओं में एक्सरसाइज़ से प्रेरित ऑर्गैज़्म के बारे में छपे एक आधिकारिक अध्ययन के मुताबिक, पेट की एक्सरसाइज़, स्क्वैट्स, वेट लिफ़्टिंग, बाइकिंग और क्लाइम्बिंग वगैरह कुछ ऐसी एक्सरसाइज़ हैं, जिन्हें करने पर कुछ लोगों को ऑर्गैज़्म का अनुभव हो सकता है.
अब सवाल ये है कि आख़िर ऐसा होता क्यों है? भारतीय फ़िटनेस उत्साहियों के साथ ऐसा होना क्या आम बात है? क्या यह कोई ऐसी बात है, जिसके लिए चिंता की जानी चाहिए? यही वे सवाल थे, जो मैंने डॉक्टर डी नारायण रेड्डी से पूछे, जो जानेमाने सेक्सोलॉजिस्ट हैं, वीवॉक्स के विशेषज्ञ हैं और अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई में सीनियर कन्सल्टेंट हैं.

यहां पढ़िए एक्स्पर्ट की राय
डॉक्टर डी नारायण कहते हैं,‘‘जिम वर्कआउट्स के दौरान आपकी कोर मसल्स की कसरत होती है-पेट, पेल्विक फ़्लोर, जांघें- ये वही हिस्से हैं, जो सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान भी इस्तेमाल होते हैं. यही वजह है कि कुछ लोगों को वर्कआउट के दौरान भी ऑर्गैज़्म का होना बिल्कुल संभव है.
‘‘यह उस चीज़ के समान है, जिसे हम फ़ैंटम ऑर्गैज़्म कहते हैं, जहां लोगों को हल्की-सी उत्तेजना से या फिर केवल कल्पनाशीलता से भी ऑर्गैज़्म महसूस होता है. हमारे दिमाग़ में हमारे शरीर के हर हिस्से का प्रतिनिधित्व होता है तो ऐसे में जब आपके सोचने के चलते दिमाग़ में मौजूद सेक्स वाला केंद्र सक्रिय हो जाता है तो फ़ैंटम ऑर्गैज़्म बिल्कुल आ सकता है.
‘‘ऑर्गैज़्म एक ख़ुशी देनेवाली अनुभूति है, जिसे पाने लिए आपको इरेक्शन या इजैकुलेशन की ज़रूरत नहीं होती. और यह बात महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए ही सही है. बात चिकित्सकीय अनुभव की करूं तो अब तक मेरे सामने एक भी ऐसा प्रकरण नहीं आया है. इस तरह की घटना का दस्तावेज़ीकरण इसलिए भी नहीं हुआ कि ऐसा महसूस करनेवाले लोग डॉक्टरों से अपना यह अनुभव साझा करने के इच्छुक नहीं होते. लेकिन आपको बता दूं कि जब तक कि आप सेहतमंद महसूस करें, ग़ैर सेक्शुअल या फ़ैंटम ऑर्गैज़्म आने/महसूस करने में चिंता की कोई बात नहीं है.‘‘

फ़ोटो: गूगल

Tags: intercourseOrgasmorgasm during exerciseorgasm during other activitiesorgasm during sleeporgasm from exercisephantom orgasmSangeeth Sebastiansexsexual lifesexual relationshipVvoxइंटरकोर्सइतर गतिविधियों के दौरान ऑर्गैज़्मएक्सरसाइज़ के दौरान ऑर्गैज़्मएक्सरसाइज़ से ऑर्गैज़्मऑर्गैज़्मचरमनींद में ऑर्गैज़्मफ़ैंटम ऑर्गैज़्मवीवॉक्ससंगीत सेबैस्टियनसेक्शुअल रिश्तेसेक्शुअल लाइफ़सेक्स
संगीत सेबैस्टियन

संगीत सेबैस्टियन

संगीत सेबैस्टियन, भारत के पहले डिजिटल थेरैपी प्लैटफ़ॉर्म वीवॉक्स के संस्थापक हैं, जिसे उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के डाक्टर्स के साथ मिलकर ऐसे लोगों की मदद के लिए बनाया है, जो सेक्स संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं. यह एक निजी, किसी भी तरह की ग्लानि से मुक्त और वाजिब प्लैटफ़ॉर्म है, जहां आप अपनी समस्याओं का वैज्ञानिक समाधान पा सकते हैं.

Related Posts

divorce
ज़रूर पढ़ें

तलाक़ शादी का अंत है, जीवन का नहीं – यहां जानें नई शुरुआत के तरीक़े

September 2, 2022
जी हां, युवक भी होते हैं लिंग भेद और स्टीरियोटाइप के शिकार
प्यार-परिवार

जी हां, युवक भी होते हैं लिंग भेद और स्टीरियोटाइप के शिकार

August 24, 2022
टिप्स, जो आपके बच्चे को अच्छी नींद पाने में कारगर होंगे
पैरेंटिंग

टिप्स, जो आपके बच्चे को अच्छी नींद पाने में कारगर होंगे

August 16, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist