तेंतर: अंधविश्वास की एक कहानी (लेखक: मुंशी प्रेमचंद)
तेंतर यानी तीन भाइयों के बाद पैदा होनेवाली बहन. बहुत से अंधविश्वासी तेंतर लड़कियों को अपशगुनी समझते हैं. इसी अंधविश्वास ...
तेंतर यानी तीन भाइयों के बाद पैदा होनेवाली बहन. बहुत से अंधविश्वासी तेंतर लड़कियों को अपशगुनी समझते हैं. इसी अंधविश्वास ...
आज़ादी के साथ विभाजन की रेखा खिंची गई थी. इसके साथ ही सदियों से साथ मिल-जुलकर रहनेवाले लोग एक-दूसरे के ...
दुनिया जिसे समझ नहीं पाती उसे गुंडा जैसे नाम दे देती है. नए नाम के साथ वह इंसान भी गुंडा ...
हम सभी स्कूली दिनों में कहावतें, सुभाषित रटते हैं. क्या फ़ायदा होता है इन कहावतों और सुभाषितों का? व्यंग्य सम्राट ...
मौत की ख़बर देना और उसे स्वीकार करना हमेशा से बेहद जटिल और दुविधापूर्ण रहता है. कहानी शोक में एक ...
भारत की पहली आदिवासी महिला कथाकार के तौर पर जानी जानेवाली एलिस एक्का की कहानियों का एकमात्र संकलन है ‘एलिस ...
गिफ़्ट देने के त्यौहार मैगी के दौरान तंगहाली में जी रहे एक पति-पत्नी एक-दूसरे को गिफ़्ट देने के लिए जो ...
उस घटना का मार्मिक वर्णन जब 27 वर्ष की उम्र में लेखिका एक 18 साल की अनाथ और विधवा बालिका ...
हमारे समाज की विसंगतियों, विडंबनाओं पर जिन लेखकों ने बेहिचक अपनी धारदार लेखनी चलाई उसमें हरिशंकर परसाई प्रमुख थे. भूख ...
नारी के हृदय की जटिलता को समझना दुनिया का सबसे मुश्क़िल काम है. एक पति द्वारा अपनी पत्नी पर शक़ ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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