तो आपका ध्यान भी बहुत जल्दी बंट जाता है? आपको लगता है आपकी याददाश्त कमज़ोर हो रही है? आप अपना ध्यान केंद्रित ही नहीं रख पाते/पातीं? तो आपको बता दें कि इस तेज़ गति से भागती दुनिया, मल्टीटास्किंग और बढ़ते स्क्रीन टाइम की सौगात को इस बात का श्रेय जाता है. लेकिन आप निराश न हों, क्योंकि अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव ला कर, कुछ बातों को ध्यान में रख कर आप फ़ोकस करना दोबारा सीख जाएंगे/जाएंगी. यहां हम इसी के आसान तरीक़ों के बारे में बता रहे हैं.
आजकल अधिकतर लोगों की यह शिकायत है कि वे किसी एक चीज़ पर फ़ोकस नहीं कर पाते हैं. उनका ध्यान यहां-वहां भटकता रहता है, वे चीज़ों को भूलते बहुत जल्दी हैं. यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो यहां आपको कुछ प्रैक्टिकल सुझाव मिलेंगे, जिन्हें अपनाकर आप अपना ध्यान केंद्रित करने में, अपनी याददाश्त को बढ़ाने में सफल ज़रूर होंगे. जब भी कोई आपसे बातचीत करे या फिर आपको किसी बात के लिए निर्देश दे तो इन बातों का ध्यान रखें:
1. जो कहा जा रहा है, उस पर ध्यान दें: ज़ाहिर सी बात है कि यह तो आप करते ही होंगे, लेकिन यहां कैच ये है कि यदि आपका ध्यान बीच में कहीं भटक गया हो तो आप उस व्यक्ति को रोक कर इस बारे में बताएं और कहें कि क्या वे इसे दोहरा सकते हैं या फिर क्या वे अपने निर्देश देने की गति थोड़ी धीमी रख सकते हैं. साथ ही, यदि आप उस व्यक्ति के साथ ऐसी किसी जगह पर बात कर रहे हैं, जहां शोर-शराबा है तो आप उन्हें थोड़ा एकांत में बात करने कह सकते हैं, जहां आप उनकी बातों पर पूरी तरह ध्यान दे सकें.
2. पेन और पेपर आएंगे काम: अब स्मार्ट फ़ोन के ज़माने में यदि हम आपसे यह कहें कि पेन और पेपर की सहायता से उन बातों को नोट करते जाएं, जो आपको बताई जा रही हैं या फिर अपने कामों की सूची बना लें तो आपको अटपटा लग सकता है, लेकिन यह पुराना तरीक़ा आपकी याददाश्त को बढ़ाने का काम करता है और यदि आप कुछ भूल गए तो उसे दोबारा रेफ़र कर सकते हैं. साथ ही, जो काम पूरे हो गए हों उनके आगे ‘सही‘ यानी राइट का टिक मार्क लगा दें.
3. बातों को दोहराएं: यदि कोई आपसे बातचीत करते हुए कुछ कहता है और आप उसे याद रखना चाहते हैं तो उससे बातचीत के दौरान ही उस बात को एक बार दोहरा लें. उदाहरण के लिए यदि कोई कहता है कि यह प्रोग्राम आज शाम ‘एक्स’ चैनल पर रात 10 बजे दिखाया जाएगा और कल सुबह 11 बजे ‘वाई’ चैनल पे आएगा. तो आप बातचीत के दौरान ही उससे कह सकते/सकती हैं अच्छा तो आज मुझे 10 बजे एक्स चैनल देखना है या फिर कल सुबह 11 बजे वाई चैनल देखना है, है ना? इस तरह दो बार के दोहराव से आपको वह बात लंबे समय सक याद रहेगी.
4. एक समय पर एक ही काम: जी हां, मल्टीटास्किंग भी आपकी याददाश्त और फ़ोकस करने की योग्यता पर प्रतिकूल असर डालती है. तो जब भी आप कोई काम कर रहे हों, उसमें आनेवाले व्यवधानों को तब तक अनदेखा करें या टालें, जब तक कि आपका काम पूरा न हो जाए. मसलन, यदि आप कोई काम कर रहे हैं, इस बीच फ़ोन की घंटी बजे तो फ़ोन न उठाएं, बल्कि अपना काम पूरा कर लें. काम ख़त्म होने के बाद आप उस व्यक्त को ख़ुद फ़ोन लगा लें. हां, अगर कोई ज़रूरी बात होगी तो वह व्यक्ति आपको दोबारा कॉल ज़रूर करेगा, इस केस में आप फ़ोन उठा सकते/सकती हैं.
5. नींद से न करें समझौता: आपकी नींद का आपकी याददाश्त और आपके ध्यान केंद्रित करने की क्षमता, दोनों से ही सीधा संबध है. वैज्ञानिक शोधों में यह बात साफ़ हो चुकी है कि नींद में कमी होने से आपकी सतर्कता प्रभावित होती है, आपकी सोचने की क्षमता में कमी आती है और ध्यान केंद्रित कर पाना भी मुश्क़ि.ल होता है. इसकी वजह से आपका काम प्रभावित होता है. अत: अपने सोने का समय निश्चित रखें. सोने जाने के एक घंटे पहले स्क्रीन वाली सभी चीज़ों से नाता तोड़ लें, इससे आपको अच्छी नींद आएगी.
फ़ोटो: गूगल