बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को: अदम गोंडवी की कविता
वह कौन-कौन सी परिस्थितियां है, जब आदमी अपना ईमान बेचने को मजबूर हो जाता है? अदम गोंडवी की यह कविता...
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वह कौन-कौन सी परिस्थितियां है, जब आदमी अपना ईमान बेचने को मजबूर हो जाता है? अदम गोंडवी की यह कविता...
छायावादी कवि सूर्यकांत निराला की प्रसिद्ध कविता ‘वह तोड़ती पत्थर’ केवल एक मज़दूर स्त्री की दशा ही नहीं प्रस्तुत करती,...
केवल विश्व पर्यावरण दिवस के दिन चंद बातें लिखकर हम पर्यावरण को नहीं बचा सकते. हम जिस तरह अपने पर्यावरण...
दक्षिण भारतीय व्यंजन दोसा देश के हर हिस्से में और यहां तक कि विदेशों में भी ख़ूब पसंद किया जाता...
गर्मियों का मौसम और सफ़ेद रंग का लिबास… ये तो साइंटिफ़िक तरीक़े से साबित किया जा चुका है कि सफ़ेद...
स्वस्थ, मज़बूत और चमकदार बाल हर युवती की ख़्वाहिश होती है, लेकिन सबके पास ऐसे बाल हों यह ज़रूरी तो...
लॉकडाउन हम सबके जीवन का पहला और बहुत ही बांधकर रख देने वाला अनुभव है. इससे हम सभी ख़ासे प्रभावित...
जेएनयू कैम्पस के कवि रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ लीक से हटकर कविताएं करते थे. उनकी कविताओं का इतिहास बोध कमाल होता...
पति-पत्नी में बेइंतहां प्यार होना अच्छा है. इस प्यार-मोहब्बत से जीवन का सफ़र आसान हो जाता है और किसी तीसरे...
आमतौर पर खरगोश शांत, डरपोक और प्यारे होते हैं, पर महादेवी वर्मा के पास जो खरगोश था वह लड़ाकू प्रवृत्ति...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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