फ़िक्शन अफ़लातून#12 दिखावा या प्यार? (लेखिका: शरनजीत कौर)
प्यार तो बस प्यार होता है, उसे किसी झूठे दिखावे की कोई ज़रूरत नहीं होती. इसी सार्वकालिक सच को एक...
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प्यार तो बस प्यार होता है, उसे किसी झूठे दिखावे की कोई ज़रूरत नहीं होती. इसी सार्वकालिक सच को एक...
बहुत सारे दुखों या बिछोह या अकेलेपन से जूझते लोग यदि एक छत के नीचे आ कर अपने दुख भूल...
कई बार, कुछ लोग, कुछ फ़ैसलों के लिए अपने लोगों को भी माफ़ नहीं कर पाते. उनके भीतर एक द्वंद्व...
बदलाव की चाह में किसी महिला और पुरुष के बीच आकर्षण अस्वाभाविक नहीं है, फिर चाहे उनके बीच उम्र का...
आगामी 24 मार्च और 25 मार्च को दिल्ली में ITO के नजदीक सुरजीत भवन में पहले वैखरी का आयोजन होने...
यह कहानी है एक बिन मां की लड़की की, जिसका बचपन और यौवन दोनों ही मुश्क़िल रहे. प्यार की तलाश...
डिज़्नी हॉटस्टार पर हाल ही में रिलीज़ हुई फ़िल्म गुलमोहर के बारे में भारती पंडित का कहना है कि इस...
कई बार जाने, अनजाने हम अपने आप पर घमंड करने लग जाते हैं. हमें लगता है कि हम बहुत अच्छे...
हिंदी भाषा को तकनीक के साथ जुड़ता देखना बहुत संतुष्टि देता है. और वे लोग, जो अपनी मातृभाषा से जुड़ा...
किसी महिला के आज़ाद ख़याल होने का यह अर्थ लगाना कि वह पारिवारिक मूल्यों को नहीं समझती होगी, बेहद हल्की...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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