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सही रवैय्या और मेहनत का जज़्बा है तो हिंदी में अपार अवसर हैं: इरा टाक

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वे लेखिका हैं, कवयित्री हैं, पेंटर हैं, स्क्रिप्ट राइटर हैं, फ़िल्ममेकर हैं और इसके साथ-साथ एक ऐसी शख़्सियत हैं, जिन्होंने...

व्यंग्य लेखन बारूदी सुरंगों पर नंगे पांव चलने जितना ख़तरनाक है: मुकेश नेमा

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यूं तो वे मध्य प्रदेश सरकार के सरकारी अधिकारी हैं, लेकिन उनके चुटीले व्यंग्य, उनकी पहचान को सीधे तौर पर...

मैं अपनी ख़ुशियों की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेता हूं इसलिए ख़ुश रहता हूं और ख़ुशियां बांटता हूं: डॉ अबरार मुल्तानी

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हिंदी माह में हिंदी के लिए, हिंदी में काम करनेवाली शख़्सियतों से रूबरू कराने के साक्षात्कार श्रृंखला हिंदी वाले लोग...

यह दौर हिंदी के लिए रौशनी से भरा है: जयंती रंगनाथन

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जयंती रंगनाथन हिंदी पत्रकारिता और लेखन का बेहद जाना-पहचाना चेहरा हैं. उन्हें पत्रकारिता का लंबा अनुभव है. वे कहानियां लिखती...

घीसा: कहानी गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की (लेखिका: महादेवी वर्मा)

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अपने जीवन का हिस्सा रहे इंसानों और पशु-पक्षियों के बारे में लिखनेवाली महादेवी वर्मा ने इस संस्मरण में अपने ग़रीब...

कामकाजी महिलाओं के बारे में टिपिकल फ़िल्मी सोच, जो तुरंत बदली जानी चाहिए!

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फ़िल्मों और साहित्य को हमारे जीवन का एक्सटेंशन कहा जाता है. साहित्य और कहानियों के बारे में तो यह भी...

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